श्रीनगर: अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया. भारी सैलाब में कई श्रद्धालु बह गए हैं. राहत और बचाव कार्य में सुबह से तेजी लाई गई है. ऐसे में वहां अब पत्थरों को हटाकर लोगों को खोजा रहा है. इन 5 बड़े अपडेट से जानें क्या है पूरी स्थिति.
1. 15,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास अचानक आयी बाढ़ के चलते फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को यहां निचले आधार शिविर पंजतरणी स्थानांतरित कर दिया गया है. आईटीबीपी के प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, "कल शाम आई बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश यात्रियों को पंजतरणी में स्थानांतरित कर दिया गया है. निकासी अभियान तड़के 3.38 बजे तक चला.'' भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता ने कहा, "रास्ते में कोई यात्री नहीं है. "
2. रेस्क्यू ऑपरेशन चलने तक यात्रा स्थगित
प्रवक्ता ने बताया कि आईटीबीपी ने पवित्र गुफा के निचले हिस्से से पंजतरणी तक जाने वाले मार्ग में लगे दलों की संख्या भी बढ़ा दी है. प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि 30 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा को इस त्रासदी के बाद स्थगित कर दिया गया है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा.
3. 16 लोगों की मौत, 45 से ज्यादा लोग घायल
बाढ़ में कम से कम 16 लोगों की जान चली गई और तंबू व सामुदायिक रसोई में पानी भर गया. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक प्रवक्ता ने कहा कि अर्धसैनिक बल के डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों ने बाढ़ में गंभीर रूप से घायल नौ मरीजों का इलाज किया. उन्होंने कहा, "उन्हें कम ऊंचाई वाले नीलग्राथ आधार शिविर पहुंचाया गया है." पवित्र गुफा से आने वाले तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए नीलग्राथ हेलीपैड पर बीएसएफ की एक छोटी टीम भी तैनात है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात पंजतरणी में बनाए गए बीएसएफ शिविर में करीब 150 यात्री रुके थे और शनिवार सुबह 15 मरीजों को हवाई मार्ग के जरिये बालटाल पहुंचाया गया.
4. अभी लापता हैं 48 लोग
जम्मू कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बचाव अभियान रात भर जारी रहा. लेकिन अब भी करीब 48 लोग लापता हैं.
5. क्या हैं हालात
अधिकारियों के अनुसार, तीर्थस्थल के बाहर स्थित आधार शिविर में पानी घुस गया, जिससे 25 टेंट और तीन सामुदायिक रसोई क्षतिग्रस्त हो गई, जहां तीर्थयात्रियों को भोजन परोसा जाता है. एक अधिकारी ने शनिवार को कहा, ‘‘आज सुबह हवाई बचाव अभियान शुरू किया गया. मरीजों को नीलागरार हेलीपैड पहुंचाया जा रहा है जहां पर सैन्य चिकित्सा दल उनका इलाज कर रहे हैं और उन्हें फिर आगे भेजा जा रहा है.’’ केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने बादल फटने से प्रभावित हुए लोगों के परिवारों की मदद के लिए चार टेलीफोन नंबर जारी किये हैं.
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