नई दिल्ली: भारत और चीन (India and China) के बीच सरहद पर तनाव भरे रिश्ते अब तक कायम हैं. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध खत्म करने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) और चीनी सेना के कमांडरों के बीच कई दौर की बातचीत हुई लेकिन कोई सार्थक समाधान नहीं निकल सका.



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भारत सरकार एक तरफ शांति स्थापित करने के लिए काम कर रही है तो वहीं चीन को सबक सिखाने के लिए रक्षा क्षेत्र को भी मजबूत किया जा रहा है.


28 हजार करोड़ के प्रस्तावों को मंजूरी


आपको बता दें कि रक्षा मंत्रालय की रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council, DAC) ने गुरुवार को 28,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक की अध्यक्षता की.


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रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, 28,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है जिसमें से 27,000 करोड़ रुपये के अधिग्रहण को भारतीय उद्योग से प्राप्त किया जाएगा.


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DAC बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी रहे मौजूद


आपको बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने डीएसी (DAC) की बैठक की अध्यक्षता की है जिसमें स्वदेशी डिजाइन विकास और निर्माण श्रेणी के तहत पांच अन्य मामलों के लिए 25,000 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई.


रक्षा मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गयी है कि 25,000 करोड़ मूल्य के पांच मामलों को स्वदेशी डिजाइन विकास और निर्माण श्रेणी के तहत अनुमोदित किया गया है.  विशेष तौर पर उल्लेखनीय मामले रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) की ओर से डिजाइन किए गए हैं. DRDO को ये जिम्मेदारी देकर रक्षा मंत्रालय ने रक्षा उपकरणों की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया है.