नई दिल्ली: ओडिशा से एक बार फिर ट्रेन हादसे की खबर सामने आई है. बरगढ़ में एक मालगाड़ी डीरेल हो गई. इस हादसे में मालगाड़ी की 5 बोगियां पटरी से उतर गई हैं. ऐसी जानकारी सामने आई है कि इस मालगाड़ी में  चूना पत्थर लदा हुआ था. हालांकि इस हादसे में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है. पुलिस मौके पर पहुंच गई है और हादसे की जांच कर रही है.


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ओडिशा में फिर हुआ रेल हादसा
ईस्ट कोस्ट रेलवे ने अपने बयान में ये जानकारी दी है कि ओडिशा में बारगढ़ जिले के मेंधापाली के पास एक निजी सीमेंट फैक्ट्री द्वारा संचालित मालगाड़ी के कुछ डिब्बे फैक्ट्री परिसर के अंदर पटरी से उतर गए. इस मामले में रेलवे की कोई भूमिका नहीं है. यह नैरो गेज साइडिंग पर चल रही थी. कंपनी द्वारा ही रोलिंग स्टॉक, इंजन, वैगन, ट्रेन ट्रैक (नैरो गेज) समेत सभी बुनियादी ढांचे का रखरखाव किया जा रहा है. 



'मौत के आंकड़ों को छिपाने का कोई इरादा नहीं'
ओडिशा के मुख्य सचिव पी के जेना ने कहा कि उनकी सरकार का बालासोर ट्रेन हादसे में मौत के आंकड़ों को छिपाने का कोई इरादा नहीं है और पूरा बचाव अभियान सभी की नजरों के सामने चल रहा है. मृतकों की संख्या में हेरफेर के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार पारदर्शिता में विश्वास रखती है. जेना ने कहा, 'दुर्घटनास्थल पर शुरुआत से ही मीडियाकर्मी मौजूद हैं. सब कुछ कैमरों के सामने हो रहा है.'


जेना ने कहा, 'रेलवे ने मृतकों की संख्या 288 बतायी है. हमने भी यही कहा है और यह संख्या रेलवे से मिली सूचना पर आधारित है. लेकिन, हमारे बालासोर के जिलाधिकारी ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की और रविवार सुबह 10 बजे तक यह संख्या 275 थी.' मृतकों की संख्या में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ शवों को दो बार गिन लिया गया था. उन्होंने कहा कि दुर्घटनास्थल पर मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर भी कोई पाबंदी नहीं थी.


उन्होंने कहा, 'बचाव और यहां तक कि मरम्मत का काम भी सभी के सामने किया गया.' गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मौत के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनके राज्य के 61 लोगों की मौत हुई है और 182 अब भी लापता हैं. उन्होंने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूछा, 'अगर एक राज्य के ही 182 लोग लापता हैं और 61 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है, तो आंकड़े कैसे सही हैं?'


275 शवों में केवल 108 की हुई शिनाख्त
वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बनर्जी के आरोपों के संबंध में पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया. मुख्य सचिव जेना ने कहा कि 275 शवों में केवल 108 की शिनाख्त हो सकी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी शवों की पहचान करना चाहती है ताकि उनका अंतिम संस्कार उनके परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाए. जेना ने कहा, 'भीषण गर्मी के कारण शव तेजी से क्षत-विक्षत हो रहे हैं. अत: कानून के अनुसार राज्य अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम दो और दिन का इंतजार कर सकता है.' 


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