नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली 17 वर्षीय पहलवान के पिता ने रविवार देर रात कहा कि उन्होंने आरोप वापस नहीं लिए हैं. पीड़िता के पिता ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उनके बयान (आरोपों पर) को वापस लेने के संबंध में सोशल मीडिया पर जो कुछ भी बताया जा रहा है, वह फर्जी है.
9 जून तक बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम
उन्होंने कहा, 'हम अपने बयान पर कायम हैं और मैं स्टेशन से बाहर हूं और न तो दिल्ली में हूं और न ही हरियाणा में.' दो दिन पहले किसानों और खाप पंचायतों (सामुदायिक अदालतों) के प्रतिनिधियों ने केंद्र को 9 जून तक सिंह को गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम दिया था और कहा था कि सिंह की गिरफ्तारी नहीं होने पर देशभर में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे.
पहलवानों के विरोध की भविष्य की रणनीति पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र शहर में आयोजित महापंचायत में इस संबंध में एक सामूहिक और सर्वसम्मत निर्णय लिया गया. 1 जून को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक 'महापंचायत' आयोजित की गई, जहां यह निर्णय लिया गया कि पहलवानों के लिए न्याय मांगने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलेगा.
कुरुक्षेत्र महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि अगर उन्हें 9 जून को जंतर-मंतर पर विरोध करने की अनुमति नहीं दी गई, तो देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की जाएगी. किसान नेता ने यह भी मांग की कि 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान मार्च के दौरान जिन पहलवानों के साथ मारपीट की गई और उन्हें हिरासत में लिया गया, उनके खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लिया जाना चाहिए. उसी दिन, दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर उनके विरोध स्थल से उनका सारा सामान हटवा दिया था.
अमित शाह से मिले बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट
ओलंपियन पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष के खिलाफ मामले पर चर्चा की. पहलवानों के एक करीबी सूत्र ने आईएएनएस को बताया, 'उन्होंने गृहमंत्री के साथ अपनी चिंता साझा की. बैठक लंबी चली और उन्होंने सब कुछ सुना. लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है.'
बजरंग, साक्षी और विनेश 23 अप्रैल से पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं और डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर एक नाबालिग सहित कई पहलवानों के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं. विरोध करने वाले पहलवानों को 28 मई को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और विरोध स्थल जंतर मंतर से टंगे तिरपाल सहित उनका सारा सामान हटा दिया.
पहलवान यह कहकर हरिद्वार गए थे कि वे अपने मेडल गंगा नदी में प्रवाहित करना चाहते हैं, क्योंकि न्याय की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. किसान नेताओं के अनुरोध पर उन्होंने मेडल गंगा में बहाने का इरादा छोड़ दिया और पांच दिन की मोहलत देकर मेडल किसान नेता नरेश टिकैत को सौंप दिया. किसानों के खाप नेताओं ने अब पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए 9 मई से फिर जंतर मंतर पर उन्हें धरना देने की सलाह दी है और अनुमति नहीं मिलने पर देशभर में किसानो के जरिए आंदोलन शुरू करवाने का भरोसा दिया है.
(इनपुट- आईएएनएस)
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