नई दिल्ली: भारतीय सेना ने कोरोना से बचाव के लिए अपने सभी जवानों को एडवाइजरी जारी की है. भारतीय सेना द्वारा जवानों के लिए जारी की गई इस एडवाइजरी में कहा गया है कि फेस मास्क लगाने, बंद और भीड़भाड़ वाले स्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और कोरोना के प्रति सतर्क रहते हुए सुरक्षात्मक उपाय अपनाने की आवश्यकता है.


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सेना ने जवानों को दी ये जरूरी सलाह
सेना ने अपने जवानों से हाथ धोने और हैंड सैनिटाइजर के उपयोग से हाथों की स्वच्छता पर जोर देने के लिए भी कहा है. दरअसल, कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है. चीन, अमेरिका और जापान जैसे देशों में कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से फैल रहे हैं.


विदेशों में फैलते कोरोनावायरस देखते हुए भारतीय सेना ने अपने जवानों को अलर्ट किया है. कोरोना से बचाव के लिए भारतीय सेना ने जवानों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है.


कोरोना से बचाव हेतु दिशानिर्देश भी जारी
सेना ने अपने सभी जवानों के लिए कोरोना से बचाव हेतु दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. सेना द्वारा जवानों के लिए जारी किए गए इन दिशानिदेर्शो के मुताबिक कोविड-19 पॉजिटिव होने लक्षण वाले जवानों की कोरोना जांच की जाएगी. यदि कोई जवान कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया जाता है तो ऐसे में उसे अगले सात दिनों के लिए क्वारंटीन में रहना होगा. वहीं कोरोना से ग्रस्त ऐसे जवान जो सामान्य से अधिक या फिर गंभीर स्थिति में है उन सभी को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा.


वही इससे पहले गुरुवार को केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि वे देशभर के अपने स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा तैयार करें. इन स्कूलों में हाथ धोने के लिए साबुन भी उपलब्ध होना चाहिए. इसके साथ छात्रों को स्वच्छता की शिक्षा देने के लिये शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जाए.


'खामियों को अंतिम सीमा तक दुरुस्त किया जाए'
यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफर्मेशन सिस्टम फॉर एडूकेशन (यूडाइस) रिपोर्ट 2021-22 में दर्ज है कि शौचालयों तथा हाथ साफ करने की सुविधाओं में कुछ खामियां हैं. अब केंद्र ने सभी राज्यों से कहा है कि इन सभी खामियों को अंतिम सीमा तक दुरुस्त किया जाए. इसके अलावा, साबुन सहित हाथ धोने की सुविधायें सभी स्कूलों में तैयार की जाए. यह भी जरूरी है कि स्वच्छता के सम्बंध में सभी बच्चों को शिक्षित किया जाए.


इस उद्देश्य के लिये हर स्कूल में कम से एक शिक्षक को स्वच्छता शिक्षा में प्रशिक्षित किया जाए, जो दिलचस्प गतिविधियों के जरिए बच्चों को प्रशिक्षित करे. साथ ही साफ-सफाई की आदतों पर जोर देते हुये सामुदायिक परियोजना चलाई जाए.


स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं में साफ-सफाई की अच्छी आदतें डालने के लिये एनसीईआरटी ने पूरक पाठ्यक्रम में स्वच्छता पर एक अध्याय जोड़ा है. राज्यों से आग्रह किया गया कि वे स्वतंत्र रूप से कार्यरत नल से जलापूर्ति समाधानों तथा सरल, सतत सौर समाधानों के प्रावधानों में तेजी लाएं.
(इनपुट: आईएएनएस)


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