'प्लेइंग 11' में बने रहना चाहते हैं बाबुल सुप्रियो, ममता बनर्जी का अदा किया शुक्रिया

बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि वह 'प्लेइंग 11' में बने रहना पसंद करते हैं. यह इस बात का संकेत है कि वह पार्टी के 'फ्रंटलाइन फेस' में से एक बन जाएंगे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 19, 2021, 09:05 PM IST
  • बाबुल सुप्रियो का कहना है वह 'प्लेइंग 11' में बने रहना चाहते हैं
  • टीएमसी के लिए सुप्रियो ने ममता बनर्जी को धन्यवाद दिया
'प्लेइंग 11' में बने रहना चाहते हैं बाबुल सुप्रियो, ममता बनर्जी का अदा किया शुक्रिया

नई दिल्ली: बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के एक दिन बाद तृणमूल कांग्रेस द्वारा पेश किए गए अपने नए रोमांचक अवसर का विवरण दिए बिना कहा कि वह 'प्लेइंग 11' में बने रहना पसंद करते हैं. यह इस बात का संकेत है कि वह पार्टी के 'फ्रंटलाइन फेस' में से एक बन जाएंगे.

पूर्व केंद्रिय मंत्री ने ममता बनर्जी को दिया धन्यवाद

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मैं ममता दीदी, अभिषेक बनर्जी और टीएमसी को प्लेइंग 11 में मौका देने के लिए धन्यवाद देता हूं. मुझे सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग की जानकारी है. मैं पिछले 7 वर्षो से राजनीति में हूं. मुझे लगा (टीएमसी में शामिल होने पर) कि यह जन कल्याण के लिए एक अच्छा अवसर है."

नहीं तोड़ूंगा पार्टी का अनुशासन- सुप्रियो

यह पूछे जाने पर कि क्या वह अर्पिता घोष के स्थान पर राज्यसभा जाएंगे? सुप्रियो ने कहा, "मैं बहुत अनुशासित रहा हूं और मैं पार्टी का अनुशासन नहीं तोड़ूंगा. जैसे, भाजपा छोड़ने के बाद मैं एक सांसद के रूप में नहीं रह सकता. मैं बुधवार को दिल्ली जाऊंगा और अगर अध्यक्ष ने मुझे समय दिया तो मैं उन्हें इस्तीफा सौंप दूंगा."

सुप्रियो ने कहा, "इसी तरह, तृणमूल कांग्रेस में यह तय करना और मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, उसकी घोषणा करना ममता बनर्जी का एकमात्र विशेषाधिकार है. मैं ऐसा नहीं कह सकता. मैं केवल एक ही काम कर सकता हूं- एक प्रस्ताव था, जिसे मैं मना नहीं कर सकता था."

इस बात से वाकिफ ये सुप्रियो

यह स्पष्ट करते हुए कि वह भाजपा नेतृत्व से उनके लिए की गई आलोचना से अच्छी तरह वाकिफ हैं, प्रसिद्ध सुप्रियो ने कहा, "मैं आलोचना के खिलाफ नहीं हूं. यह एक चुनौतीपूर्ण काम है और मैंने यह जानते हुए चुनौती ली कि यह होगा मेरे खिलाफ ईंट-पत्थर वगैरह. केवल मैं उम्मीद करता हूं कि लोग भाषा के बारे में सावधान रहेंगे."

सुप्रियो ने आगे कहा, "किसी के निर्णय का सम्मान करना होगा और उसके बाद ही वह असहमत हो सकता है." सुप्रियो वरिष्ठ भाजपा नेता तथागत रॉय के एक ट्वीट का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने कहा था, 'सुप्रियो एक देशद्रोही हैं.'

ट्वीट में सुप्रियो ने कह दी ये बात

हालांकि सुप्रियो ने भाजपा नेतृत्व के साथ अपने मतभेदों के बारे में कुछ भी नहीं बताया, लेकिन एक ट्वीट में सुप्रियो ने कहा, 'क्या मैंने पक्ष बदलकर इतिहास रच दिया? खैर, फिर भाजपा में शामिल हुए सभी 'प्रतिद्वंद्वियों' को गले लगाया गया और शीर्ष पर बैठाया गया. उन सभी 'असली' बीजेपी जमीनी स्तर के लड़ाकों की अनदेखी करने वाले पोस्ट को हटा दिया जाना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि उन्होंने बीजेपी की छवि खराब करने में अपनी छवि खराब कर दी हो (जैसा आपने कहा था) है ना?'

स्वपन दासगुप्ता ने दिया जवाब

सुप्रियो वरिष्ठ भाजपा नेता स्वपन दासगुप्ता के एक ट्वीट का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने लिखा था, 'दलबदल करने वाले बाबुल सुप्रियो पर भाजपा समर्थकों का गुस्सा बहुत वास्तविक है, जैसा कि लोगों के पक्ष बदलने पर आम लोगों की घृणा है. प्रतिकूलता को पचाना सीखना और धैर्य रखना राजनीति का हिस्सा है. अफसोस की बात है कि बाबुल जल्दी में थे. वह अपनी छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं.'

सुप्रियो ने कहा, 'गुस्सा निश्चित रूप से वास्तविक है, लेकिन वह मेरे दादा हैं. यह अपेक्षित था और उचित भी नहीं है- मैं इसे स्वीकार करता हूं. लेकिन उसी बाबुल के बारे में क्या सार्वजनिक रूप से बाहरी लोगों को भाजपा में शामिल करने का विरोध कर रहे हैं? क्या भाजपा ने अपनी छवि के लिए अच्छा किया है? फिर? कृपया उन्हीं समर्थकों से पूछें जिन्हें इन बाहरी लोगों ने दरकिनार कर दिया.'

चुनौती लेना चाहते थे भाजपा सांसद

आसनसोल के भाजपा सांसद ने कहा, 'मुझे पता था कि ईंट-पत्थरों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन मैं चुनौती लेना चाहता था. मैं बंगाल और आसनसोल के लोगों के बारे में पक्षपाती हूं. मैं हमेशा उनके लिए काम करना चाहता था. जब मैं केंद्रीय मंत्री था, मैंने बंगाल के लिए प्रोजेक्ट लाने की बहुत कोशिश की. मैं लोगों की खातिर किसी भी तरह की आलोचना का सामना करने के लिए तैयार हूं.'

'झाल-मुरी' सौदे पर सुप्रियो ने कही ये बात

'झाल-मुरी' सौदे के बारे में पूछे जाने पर सुप्रियो ने कहा, "मैं तब मंत्री था और हम सभी नेताजी इनडोर स्टेडियम गए थे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे. मोदी के जाने के बाद मुख्यमंत्री ने मुझे साथ आने के लिए कहा. मैंने कुछ परियोजनाओं के बारे में चर्चा भी की. जब हम विक्टोरिया मेमोरियल के पास थे, तो उन्होंने मुझे 'झाल-मुरी' की पेशकश की. मैं 'नहीं' नहीं कह सका. आज अगर कोई भाजपा मंत्री 'ढोकला' की पेशकश करता है, तो मैं इसे अपने पास रखूंगा. मेरे विचार से यही शालीनता है."

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