नई दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित भगवान शिव के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना की. राहुल गांधी ने अपने नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा के पवित्र शहर में प्रवेश करने के बाद महाकाल मंदिर में दर्शन-पूजन किया. 


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पुजारियों ने अंगवस्त्रम् भेंट किया
लाल धोती पहने, गांधी ने मंदिर के पुजारियों के मार्गदर्शन में सभी अनुष्ठान किए. मंदिर के पुजारियों ने उन्हें एक अंगवस्त्रम् भेंट किया. अनुष्ठान करने के बाद, गांधी ने मंदिर के गर्भगृह के सामने दंडवत प्रणाम किया.


नंदी की मूर्ति के पास बैठे राहुल
वह मंदिर परिसर में नंदी (भगवान शिव का वाहन माने जाने वाले पवित्र बैल) की मूर्ति के पास भी कुछ देर बैठे. भारत जोड़ो यात्रा के 23 नवंबर को मध्य प्रदेश राज्य में प्रवेश करने के बाद गांधी ने राज्य में भगवान शिव के दूसरे ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन-पूजन किया. 


ओंकारेश्वर मंदिर में भी राहुल ने की थी पूजा
इसस पहले राहुल गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा और उनके परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को खंडवा जिले के प्रसिद्ध ओंकारेश्वर मंदिर में 'मां नर्मदा' की आरती की थी. गांधी ने बाद में प्रसिद्ध शिव मंदिर में पूजा-अर्जना की, जो देश के 12 'ज्योतिर्लिंगों' में से एक है. 


दक्षिण से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा
बता दें कि राहुल गांधी देश में भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं. इसे लेकर राहुल और कांग्रेस का कहना है कि इसके जरिए देश को एकजुट करना है. लोगों की समस्याओं पर बात करनी है. राहुल गांधी की यह यात्रा दक्षिण भारत से शुरू हुई और अब यह मध्य प्रदेश पहुंच चुकी है.


यात्रा के दौरान राहुल में आए ये बदलाव
इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि वह यात्रा के दौरान खुद में कुछ बदलाव महसूस कर रहे हैं, जिसमें खुद में अधिक धैर्य आना और दूसरों को सुनने की क्षमता शामिल है. यात्रा के दौरान उनके सबसे संतोषजनक क्षण के बारे में पूछे जाने पर, गांधी ने सोमवार को कहा, ‘कई हैं, लेकिन मैं उनमें से कुछ रोचक को याद करता हूं, जिसमें यह शामिल है कि यात्रा के कारण मेरा धैर्य काफी बढ़ गया है.’


आप हार नहीं मान सकतेः राहुल
उन्होंने कहा, ‘दूसरी बात, अब मैं आठ घंटे में भी नहीं चिढ़ता, तब भी नहीं यदि कोई मुझे धक्का दे या खींचे. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, जबकि पहले मैं दो घंटे में भी चिढ़ जाता था.’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने कहा, ‘यदि आप यात्रा में चल रहे हैं और दर्द का अनुभव करते हैं, तो आपको इसका सामना करना होगा, आप हार नहीं मान सकते.’ 


उन्होंने कहा कि तीसरा, दूसरों को सुनने की उनकी क्षमता भी पहले के मुकाबले बेहतर हुई है. उन्होंने कहा, ‘जैसे अगर कोई मेरे पास आता है तो मैं उसे ज्यादा धैर्य से सुनता हूं. मुझे लगता है कि ये सभी चीजें मेरे लिए काफी लाभदायक हैं.’ 


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