भरतपुरः भरतपुर जिले के गांव बरौली ब्राह्मण के सपूत सौरभ कटारा की पार्थिक देव गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गई है. सौरभ कटारा की उसके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि हुई. इसमें पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, सांसद रंजीता कोली, सहित पुलिस व प्रशासनिक सहित सैना के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. वहीं उनके घर सांत्वना देने वालों का हुजूम उमड़ा पड़ा. हर कोई अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई देने के लिए आतुर दिखाई दिया. 


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जब सौरभ की अर्थी को ले जाया जा रहा था तो खुद वीरांगना पूनम आगे आई और अर्थी को कांधा दिया. उसके आंसू थम नहीं रहे थे और वह बेसुध हो रही थी. महज 17 दिन में ही इस 'पूनम' का 'चांद' अस्त हो गया. फिर भी जब उसके भाई व पिता ने सहारा देने की कोशिश की तो बोली कि सिर्फ 17 दिन की सुहागिन होने पर मुझे गर्व है, क्योंकि मेरे पति ने भी देश की रक्षा में प्राणों की आहूति दी है.



सौरभ कटारा की अपने बडे भाई के साथ 8 दिसंबर 2019 को ही शादी हुई थी. सौरभ कटारा ने उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के पास स्थित जाजमपट्टी निवासी पूनम के साथ सात फेरे लिए थे लेकिन उनका यह 'चांद' सिर्फ 17 दिन में ही अस्त ही गया. अभी पूनम के हाथों की मेहंदी का रंग उतरा भी नहीं था कि उससे पहले ही उसकी मांग सूनी हो गई. अंत्येष्टि स्थल पर अपने पति शहीद सौरभ कटारा की पार्थिव देह को देख पूनम बेहोश होकर गिर पड़ी.


'देश पर हजारों सौरभ कुर्बान'
शहीद के परिजन सियाराम ने कहा कि पाकिस्तान चाहे हमारे सैनिकों के लिए आईईडी बिछाए या फिर बम से हमला करें हम उसके हर हमले का जवाब देने के लिए तैयार हैँ. देश के लिए एक सौरभ, एक बेटा तो क्या हजारों बेटा और भाई कुर्बान करने के लिए हम तैयार हैँ. वहीं शहीद के चाचा लक्ष्मण कटारा ने कहा कि हमने तो देश की सेवा करने के लिए संविधान की कसम खाई हुई है और हम सिर्फ देश की सेवा के लिए ही बने हैं.


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विस्फोट में हो गए थे घायल
सौरभ कटारा जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके में सोमवार रात को हुए बम विस्फोट में घायल ही गए थे. बाद में 24 दिसंबर को उपचार के दौरान सैना के अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गए. सौरभ कटारा का 25 दिसंबर को जन्मदिन भी था. सौरभ कटारा के पिता नरेश कटारा सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. वहीं बड़े भाई खेती करते हैं, छोटा भाई अनूप बीकानेर से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. कुछ दिन पहले ही उनकी एकलौती बहिन की भी शादी हुई थी.


25 दिसंबर को था जन्मदिन
जम्मू-कश्मीर के कूपवाड़ा इलाके में सोमवार-मंगलवार रात हुए ग्रेनेड हमले में रूपवास थाने के गांव बरौली ब्राह्मण निवासी सौरभ कटारा मारे गए थे. वह आर्मी में चालक के पद पर कार्यरत थे. चार साल पहले ज्वॉइन करते समय वह 200 फील्ड रेजीमेंट में कार्यरत थे, वहां से 28 आरआर में चला गए. घटना के समय वह कार्बाइन लेकर श्रीनगर से कूपवाड़ा जा रहा थे.



कूपवाड़ा के निकट ही गाड़ी पर ग्रेनेड फेंक दिया. अस्पताल में उपचार के दौरान तड़के तीन बजे उन्होंने आखिरी सांसें लीं. सौरभ का 25 दिसंबर को जन्मदिन था. उनके साथ त्रिवेंद्रम का एक और जवान भी शहीद हुआ है. 


पीएम साहब मेरे भाई की मौत के बदले मारो 10 दुश्मन
 अब ग्रामीण कह रहे है कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि एक के बदले 10 सिर लाएंगे तो वह सौरभ की मौत के बदले भी 10 आतंकवादियों को ढेर किया जाए. परिवार में पिता नरेश कटारा आर्मी में हवलदार के पद से सेवानिवृत हुए हैं. आठ दिसंबर को बड़े भाई गौरव कटारा की शादी रसूलपुर जाजमपट्टी निवासी पूजा व सौरभ कटारा की शादी पूनम से हुई थी, वह दोनों भी सगी बहने हैं. गौरव गांव में ही रहकर कोई ट्रेनिंग कर रहा है.



तीसरा भाई अनूप कटारा बीकानेर में एमबीबीएस की तैयारी कर रहा है. इकलौती बहन दीपक की शादी 23 नवंबर को हो चुकी है. मां अनिता कटारा गृहिणी है.


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