पटना: बिहार सरकार चीन के प्रोडक्टस और कंपनियों को पूरी तरह बाइकॉट करते नजर आ रही है. दरअसल बिहार सरकार और चाइनीज कंपनियों के बीच एक पुल को लेकर करार किया गया था जिसे नीतिश कुमार ने रद्द कर दिया है.


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क्या है पूरा मामला


बता दें कि चीन लगातार भारतीय सीमा का उल्लघंन करता नजर आ रहा है और यह भारत के साथ किसी धोखेबाजी से कम नहीं है. सीमा की सुरक्षा करते हुए कई सैनिकों ने अपनी जान गंवा दी. लेकिन अब देश का हर एक नागरिक जागरूक नजर आ रहा है, चाइनीज सामान से लेकर चीइनीज ऐप का भी विरोध किया जा रहा है. और इसी कड़ी से जुड़ते हुए बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए चीन के साथ किए गए कॉन्ट्रैक्टर्स को रद्द कर दिया.


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अरबों के प्रोजेक्ट को किया रद्द


बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी पर गांधी सेतु पुल है जो दक्षिण बिहार को उत्तर बिहार से जोड़ता है. लेकिन भारत का सबसे लंबा पुल होने के साथ ही इसपर ट्रैफिक की बड़ी समस्या रहती है जिसके चलते बिहार सरकार ने इसी पुल के समानांतर एक और ब्रिज बनाने जा रही है. इसके तहत 7 कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था जिसमें दो चीन की कंपनी भी शामिल थी. एक हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी और दूसरी शांक्सी रोड ब्रिज कंपनी.


लेकिन बिहार सरकार ने चीन के साथ भारतीय सीमा पर चल रहे तनाव और भारत के साथ किए गए धोखेबाजी को देखते हुए अरबों के टेंडर को रद्द कर दिया. बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने एक चीनी कंपनी के साथ करीब 5 हजार करोड़ के एमओयू पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही रेलवे ने भी चाइनीज कंपनी के साथ करोड़ों का करार रद्द किया था.