लिखना था Bad लिख दिया Bed, जमुई DEO की लापरवाही से एक बार फिर बदनाम हुआ बिहार का शिक्षा विभाग
हमेशा चर्चा में बना रहने वाला बिहार का शिक्षा विभाग एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. वजह है अंग्रेजी के एक शब्द में स्पेलिंग की गड़बड़ी. दरअसल, बिहार के जमुई जिला के शिक्षा कार्यालय की ओर से शिक्षकों से संबंधित एक आदेश पत्र जारी किया गया, जिसमें अंग्रेजी के शब्द गलत लिखे हुए पाए गए. स्पेलिंग गलत होने की वजह से अब शिक्षा विभाग एक बार फिर सबके निशाने पर आ गया है. लोग जमकर बिहार की शिक्षा विभाग की आलोचना कर रहे हैं.
नई दिल्लीः हमेशा चर्चा में बना रहने वाला बिहार का शिक्षा विभाग एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. वजह है अंग्रेजी के एक शब्द में स्पेलिंग की गड़बड़ी. दरअसल, बिहार के जमुई जिला के शिक्षा कार्यालय की ओर से शिक्षकों से संबंधित एक आदेश पत्र जारी किया गया, जिसमें अंग्रेजी के शब्द गलत लिखे हुए पाए गए. स्पेलिंग गलत होने की वजह से अब शिक्षा विभाग एक बार फिर सबके निशाने पर आ गया है. लोग जमकर बिहार की शिक्षा विभाग की आलोचना कर रहे हैं.
Bad के जगह लिखा Bed
जिस शब्द को लेकर यह पूरा बवाल मचा हुआ है, वह शब्द है 'Bed' (बिस्तर). रिपोर्ट्स की मानें, तो Bed की जगह पर Bad लिखा जाना था लेकिन जब आदेश पत्र सामने आया तो उसपर Bed लिखा हुआ पाया गया. बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कई स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान कई शिक्षक अपने स्कूलों से गैरहाजिर पाए गए थे. निरीक्षण के बाद जमुई जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने 16 शिक्षकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का उल्लेख करते हुए एक आदेश पत्र जारी किया.
डीईओ ऑफिस से जारी हुआ था आदेश पत्र
इसी आदेश पत्र में ये गड़बड़ी देखने को मिली है. आदेश पत्र में शिक्षकों के नाम के साथ उनके प्रदर्शन को इंगित करने के लिए 'Bad Performance' (खराब प्रदर्शन) लिखा जाना था, लेकिन आदेश पत्र में 'Bed Performance' लिखा हुआ देखा गया. आदेश पत्र में लिखा गया कि शिक्षकों के Bed Performance को देखते हुए उनके वेतन में कटौती की जा रही है. आदेश पत्र में ये गलती एक बार नहीं, बल्कि 14 बार दोहराई गई थी. इसके बाद से पूरा शिक्षा विभाग लोगों के निशाने पर आ चुका है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बाइट देने से किया इनकार
इस पूरे मामले पर जमुई के जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार ने भी कुछ कहने से इनकार कर दिया है. साथ ही कार्यालय से ज्ञापांक 3758 के तहत एक शुद्धि पत्र जारी कर दिया गया है. मामले के प्रकाश में आते ही विभाग ने अपनी गलती तुरंत सुधारते हुए एक नया आदेश पत्र जारी कर दिया.
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