भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह का आज जन्मदिन है. पीएम मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने और पार्टी को फिर से सत्ता में लाने में बीजेपी के चाणक्य अमित शाह का बड़ा रोल रहा है. भाजपा अध्यक्ष के तौर पर अमित शाह ने लोकसभा चुनाव में ऐसी रणनीति बनायी जो लाजवाब साबित हुई. आज आपको अमित शाह के कुछ ऐसे फैसले से रूबरू करवाते हैं, जो इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज हो गए हैं.


अमित शाह के ऐतिहासिक फैसले


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वैसे अबतक 11 नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष को संभाला है, लेकिन, अमित शाह ने ऐसे दांव चले जो चौंकाने वाले थे. 2019 लोकसभा चुनाव में गांधीनगर से चुनाव जीतने के बाद मोदी 2.0 में शाह ने गृह मंत्री पद का जिम्मा संभाला. बतौर गृह मंत्री अबतक अमित शाह ने ऐसे फैसलों की छड़ी लगा दी, जो ऐतिहासिक हैं.


1). जम्मू-कश्मीर पर देशहित वाला फैसला


देश के गृहमंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया. ये एक ऐसा फैसला था, जो 70 सालों में कोई सरकार नहीं ले पायी उसे गृह मंत्री के तौर अमित शाह ने कर के दिखाया. शाह का ये फैसला जम्मू कश्मीर से 370 के खात्मे तक सीमित नहीं रहा, उन्होंने जम्मू कश्मीर के विकास और घाटी से आतंक के विनाश का मास्टरप्लान तैयार किया. जिसका असर आज पूरा देश देख रहा है.



आपको याद दिला दें, सरदार बल्लभ भाई पटेल जब देश के गृह मंत्री थे तो उन्होंने देशहित में कई साहसिक फैसले लिए थे. आजादी के बाद सभी रियासतों को भारत के साथ जोड़ने में उनका बड़ा योगदान दिया. हालांकि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग ही बना रहा और अब गृह मंत्री रहते हुए अमित शाह ने कश्मीर पर लटकाने, भटकाने वाली राजनीति का अंत कर दिया. अमित शाह के फैसले की वजह से ही आज कश्मीर में तिरंगा लहरा रहा है.


जम्मू कश्मीर से 370 को समाप्त करने का साथ साथ अमित शाह ने उसे केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील कर दिया. साथ ही लद्दाख को अलग करके उसे भी केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जिसकी मांग वहां के नागरिक वर्षों से कर रहे थे.


2). नागरिकता संशोधन कानून का इतिहास


देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू हो चुका है, कई राज्यों में इसके खिलाफ जबरदस्त बवाल देखने को मिला. विरोध प्रदर्शन और नौटंकी का दौर राजधानी दिल्ली में भी देखा गया, CAA की आड़ में देश को जलाने की नापाक साजिश रची गई. शाह ने CAA लागू करके एक नेता और प्रशासक के रूप में अपनी खुद की छाप छोड़ी है.



ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अमित शाह सिर्फ भाजपा के लिए ही नहीं बल्कि देशहित में लिए गए अपने हर फैसलों के जम पर भारत के चाणक्य की भूमिका भी निभा रहे हैं. नागरिकता संशोधन कानून का भले ही विरोधी पार्टियों में खूब विरोध किया हो, लेकिन ये सिर्फ गुहराह करनी वाली राजनीति का हिस्सा है. असल में विपक्ष को सियासी रोटी सेकने का मुद्दा चाहिए. लेकिन ये शाह नीति ही है, जिसने विपक्ष को ठंडा कर दिया. देश में दंगे भी हुए, लेकिन वो अपने फैसले पर अडिग रहे.


3). मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से आजादी


देश के गृहमंत्री अमित शाह ने मुस्लिम महिलाओं के हित में भी ऐतिहासिक कदम उठाया और उन्हें तीन तलाक की कुप्रथा से आजादी दिलाई. राज्यसभा में बहुमत न होने के बाद भी मोदी सरकार 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019 को पास करवाने में कामयाब रही. इसके पीछे अमित शाह की रणनीति ही शामिल थी.



4). UAPA संशोधन अधिनियम का इतिहास


गृहमंत्री अमित शाह ने मोदी सरकार पार्ट 2 बनते ही सबसे बड़ा फैसला लेते हुए 8 जुलाई, 2019 को UAPA बिल लोकसभा में पेश किया था. इस कानून के जरिए बढ़ते आतंकवाद की कमर तोड़ने में काफी मदद मिल रही है. यूएपीए बिल के तहत केंद्र सरकार किसी भी संगठन या व्यक्ति को आतंकी संगठन घोषित कर सकती है. विधेयक NIA को भी असीमित अधिकार देता है.



5). SPG एक्ट में किया ऐतिहासिक संशोधन  


देश के गृहमंत्री अमित शाह ने एक और दमदार फैसला देते हुए SPG संशोधन बिल को पास कराया, जिसके तहत SPG सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री और आधिकारिक आवास पर उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों को मिलेगी. 


गांधी परिवार खाती थी 'मलाई'


अब तक इस सुरक्षा का लाभ गांधी परिवार उठाता था, एसपीजी कमांडो के पास अत्याधुनिक राइफल्स, संचार के कई अत्याधुनिक उपकरण, अंधेरे में देखने हेतु चश्मे, बुलेटप्रूफ जैकेट, गलव्स आदि होते हैं. इनके पास अत्याधुनिक वाहन भी होते हैं. लेकिन इस एक्ट में संशोधन के बाद किसी पूर्व प्रधानमंत्री एवं उनके निकट परिजनों को प्रधानमंत्री पद छोड़ने की तारीख से पांच साल तक ही एसपीजी सुरक्षा प्रदान की जाएगी.



  • 22 अक्टूबर 1964 को महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ अमित शाह का जन्म

  • मेहसाणा में शुरुआती पढ़ाई के बाद बॉयोकेमिस्ट्री से BSc की पढ़ाई की

  • 1982 में उनके अपने कॉलेज के दिनों में शाह की मुलाकात नरेंद्र मोदी से हुई

  • वर्ष 1983 में अमित शाह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े

  • अमित शाह वर्ष 1987 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए

  • 1991 में गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला

  • शाह ने 1997 में गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से उप चुनाव जीता

  • 1999 में वे अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (एडीसीबी) के प्रेसिडेंट चुने गए

  • अमित शाह 1997 (उप चुनाव), 1998, 2002 और 2007 से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं

  • 2003 से 2010 तक उन्होने गुजरात सरकार की कैबिनेट में गृहमंत्रालय का जिम्मा संभाला

  • वर्ष 2014 से 2019 तक अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व किया


आज अमित शाह सरकार में प्रधानमंत्री के बाद सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हैं और सात मंत्री समूहों की अगुआई करते हैं. अमित शाह में देश की जनता सरदार पटेल की छवि देखती है. लौह पुरुष ने जिस तरह देश की एकता और अखंडता के लिए साहसिक फैसले लिए थे. उसी तरह अमित शाह देशहित में क्रांतिकारी फैसले ले रहे हैं. गृह मंत्री अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर, 1964 को हुआ था.


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