Black Fungus: म्यूकरमाइकोसिस के बढ़ते मामलों की क्या है वजह? स्टडी करेंगे विशेषज्ञ

ब्लैक फंगस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, ऐसे में विशषज्ञ औद्योगिक ऑक्सीजन के इस्तेमाल समेत संभावित कारणों का अध्ययन करेंगे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 24, 2021, 12:58 PM IST
  • ब्लैक फंगस के मामलों में हो रही है बढ़ोतरी
  • क्या औद्योगिक ऑक्सीजन है बीमारी का कारण?
Black Fungus: म्यूकरमाइकोसिस के बढ़ते मामलों की क्या है वजह? स्टडी करेंगे विशेषज्ञ

नई दिल्ली: कर्नाटक में विशेषज्ञ इस बात का अध्ययन करेंगे कि क्या म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के मामलों में बढ़ोतरी का कारण औद्योगिक ऑक्सीजन और इसके संभावित संदूषण से है.

ब्लैक फंगस को लेकर बढ़ रही गंभीरता

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री एवं राज्य के कोविड-19 कार्यबल के प्रमुख सी एन अश्वत्थ नारायण ने रविवार को उपचार प्रोटोकॉल समिति के साथ बैठक की, जिसमें संक्रमण के संभावित स्रोतों पर चर्चा की गई.

नारायण ने कहा कि राज्य में पिछले सप्ताह ब्लैक फंगस संक्रमण के करीब 700 मामले सामने आए. उन्होंने विशेषज्ञों से इसका कारण पता करने को कहा. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस संक्रमण का संबंध ऑक्सीजन की आपूर्ति और इसके लिए इस्तेमाल होने वाली पाइप एवं सिलेंडर की गुणवत्ता से है.

नारायण के कार्यालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि सूक्ष्म जीव वैज्ञानिकों का दल सोमवार से इस संबंध में अध्ययन करना शुरू करेगा.

कर्नाटक में एक हफ्ते के भीतर 700 मामले

विज्ञप्ति में नारायण के हवाले से बताया गया कि पहले देशभर में एक साल में ब्लैक फंगस के करीब 100 मामले सामने आते थे, लेकिन राज्य में इस सप्ताह 700 मामले सामने आए हैं, इन मामलों में बढ़ोतरी के कारण लोगों में घबराहट फैल गई है.

नारायण ने कहा कि ब्लैक फंगस के मामले कोविड-19 से प्रभावित किसी अन्य देश में सामने नहीं आ रहे. ये केवल भारत में देखे जा रहे हैं.

मणिपाल अस्पताल (बेंगलुरु) में सर्जन डॉ संपत चंद्र प्रसाद राव ने बैठक में कहा कि म्यूकरमाइकोसिस के मामलों में बढ़ोतरी का कारण खराब गुणवत्ता के सिलेंडर या अस्पतालों के आईसीयू में खराब गुणवत्ता की पाइप प्रणाली के कारण संदूषण हो सकता है.

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उन्होंने कहा कि औद्योगिक ऑक्सीजन के संदूषण या कीटाणुशोधन के निम्न मानकों या अन्य कारणों से ऐसा हो सकता है. राव ने बताया कि इस बात का भी संदेह जताया जा रहा है कि वेंटिलेटरों में नल के साधारण पानी के इस्तेमाल से ऐसा हो सकता है.

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