BSF का ऐतिहासिक कदम, पहली बार प्रशिक्षित महिला सैनिक कर रहीं LOC की निगेहबानी

इस साल कश्मीर घाटी में अब तक बर्फबारी नहीं शुरू हुई है. इसी वजह से घुसपैठ वाले रूट की सुरक्षा करना सिक्योरिटी फोर्सेज के लिए और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण काम बना हुआ है. सुरक्षा बलों के पास इनपुट्स हैं कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकी घुसपैठ के इंतजार में बैठे हुए हैं. पाकिस्तान के आतंकी कैंपों से भारत में आतंकी भेजने की कोशिश की जा रही है. इन इनपुट्स के बाद नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा बढ़ा दी गई है. पेट्रोलिंग भी ज्यादा हो रही है. और इस बार पुरुष सैनिकों के साथ महिला सैनिक भी पेट्रोलिंग कर रही हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 24, 2024, 07:12 PM IST
  • पहली बार महिला सैनिकों की पोस्टिंग.
  • विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं ये सैनिक.
BSF का ऐतिहासिक कदम, पहली बार प्रशिक्षित महिला सैनिक कर रहीं LOC की निगेहबानी

नई दिल्ली. सीमा सुरक्षा बल ने ऐतिहासिक कदम के तहत नियंत्रण रेखा पर ट्रेंड महिला सैनिकों की पहली बार तैनाती की है. इसी के साथ बीएसएफ पहली फोर्स हो गई है जिसने विशेष रूप से प्रशिक्षित महिला सैनिकों को नियंत्रण रेखा पर तैनात किया है. समुद्र तल से 14000 फुट की ऊंचाई पर माइनस 20 डिग्री पर ये महिला सैनिक पूरे देश की महिलाओं को लिए उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं.

कठिन प्रशिक्षण से गुजरी हैं ये महिला सैनिक
ये महिला सैनिक युद्ध, पेट्रोलिंग, नाइट पेट्रोलिंग और आतंकी मूवमेंट को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित हैं. इन महिला सैनिकों के लिए यह एक गर्व का क्षण है क्योंकि अब इन्होंने अन्य महिला सैनिकों के लिए देश में किसी भी जगह पोस्टिंग का पथ प्रशस्त कर दिया है. 

ग्रुप का हिस्सा हैं ये सैनिक
एक महिला सैनिक मंगल डोंगरे का कहना है-नियंत्रण रेखा पर तैनात होने वाला यह महिला सैनिकों का पहला ग्रुप है. नियंत्रण रेखा की सुरक्षा के लिए हम पुरुष सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. हम इस बात को लेकर गर्व से भरे हुए हैं कि सीमा पर तैनात होने वाले पहले समूह का हिस्सा हैं. हमें बेहतर प्रशिक्षण और हथियार मुहैया कराए गए हैं. हमें डॉक्टरों के जरिए भी ट्रेनिंग दी गई है जिससे कठिन मौसम वाली परिस्थितियों का मुकाबला किया जा सके. इसके अलावा हथियार चलाने की भी स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है.

दरअसल इस पोस्टिंग के पहले इन महिला सैनिकों को ट्रेनिंग के एक बेहद कठिन दौर से गुजरना पड़ा है. इस दौरान इन्हें एके47, इनसास और एसएलआर जैसे अत्याधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई है. इन्हें कम ऑक्सीजन वाले ऊंचाई वाले इलाकों में भी ट्रेनिंग दी गई जिससे ये विषम परिस्थितियों के लिए तैयार रहें.

ग्रुप का हिस्सा प्रीति चौधरी कहती हैं-इसी के साथ अब महिलाओं द्वारा देश की सीमाओं की सुरक्षा का क्रम शुरू होगा. आगे और भी ज्यादा महिलाओं को सीमाओं की सुरक्षा के लिए भेजा जाएगा. हम किसी भी रूप में पुरुषों से कम नहीं हैं. हमें स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है और हम किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

आतंकी घुसपैठ को तैयार, सुरक्षा बलों के पास इनपुट
बता दें कि इस साल कश्मीर घाटी में अब तक बर्फबारी नहीं शुरू हुई है. इसी वजह से घुसपैठ वाले रूट की सुरक्षा करना सिक्योरिटी फोर्सेज के लिए और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण काम बना हुआ है. सुरक्षा बलों के पास इनपुट्स हैं कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकी घुसपैठ के इंतजार में बैठे हुए हैं. पाकिस्तान के आतंकी कैंपों से भारत में आतंकी भेजने की कोशिश की जा रही है. इन इनपुट्स के बाद नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा बढ़ा दी गई है. पेट्रोलिंग भी ज्यादा हो रही है. और इस बार पुरुष सैनिकों के साथ महिला सैनिक भी पेट्रोलिंग कर रही हैं.

(Idrees Lone)

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