नई दिल्ली: कांग्रेस ने ‘अग्निपथ’ योजना की पैरवी करने वाले अपने सांसद मनीष तिवारी की राय से दूरी बनाते हुए कहा है कि उसका यह मानना है कि सेना में भर्ती की यह नयी योजना “राष्ट्रीय हित और युवाओं के भविष्य के खिलाफ” है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने क्या कहा?
तिवारी ने एक अंग्रेजी दैनिक में लिखे लेख में कहा है कि ‘अग्निपथ’ रक्षा सुधारों और आधुनिकीकरण की व्यापक प्रक्रिया का हिस्सा है. इस पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, “कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ‘अग्निपथ’ पर एक लेख लिखा है.
कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है, ऐसे में यह कहना होगा कि ये उनके निजी विचार हैं, पार्टी के विचार नहीं हैं. कांग्रेस मानती है कि यह योजना राष्ट्रीय हित विरोधी और युवा विरोधी है तथा इसे बिना विचार-विमर्श किए लाया गया है.”
मनीष तिवारी ने घेराव पर दी ये सफाई
तिवारी ने रमेश के ट्वीट को रीट्वीट किया और अपने लेख के एक हिस्से का स्क्रीन शॉट साझा करते हुए कहा, “लेख की टैगलाइन कहती है कि ये निजी विचार हैं. काश, जयराम रमेश जी ने इसे आखिर तक पढ़ा होता. अब वह शायद देख सकते हैं.”
The tag line of the article does say - The views are personal. I wish @Jairam_Ramesh ji would have read it right till the very end .
He may see it here now https://t.co/eiogYdeKVp pic.twitter.com/qAFqI41AUx— Manish Tewari (@ManishTewari) June 29, 2022
गौरतलब है कि 14 जून को अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे. इस योजना के तहत साढ़े 17 से 21 वर्ष के युवाओं को चार वर्ष के अनुबंध के आधार पर सेना में भर्ती किए जाने का प्रावधान है. चार वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद उनमें से 25 प्रतिशत को नियमित सेवा के लिए चुना जाएगा. वर्ष 2022 के लिए आवेदकों की ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी गई है.
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