धर्मांतरण मामला: उमर गौतम का पुराना वीडियो आया सामने, 1000 लोगों का कराया धर्मांतरण

एक वीडियो में उमर गौतम के पुराने रिकॉर्ड हैं. इसके अलावा खुद उमर गौतम ने कबूला है कि इस्लामिक दवाह सेंटर जामिया, दिल्ली में उसने करीब 1000 लोगों को धर्मान्तरण सम्बन्धी डॉक्यूमेंट जारी किए हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 23, 2021, 04:02 PM IST
  • उमर गौतम ने खुद कबूली है 1000 लोगों के धर्मांतरण की बात
  • मूक-बधिर बच्चों के जरिए फैलाया जा रहा था धर्मांतरण का जहर
धर्मांतरण मामला: उमर गौतम का पुराना वीडियो आया सामने, 1000 लोगों का कराया धर्मांतरण

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, मामले में छानबीन कर रही पुलिस के हाथों कई ऐसे सबूत लगे हैं, जिनसे इस मामले के तार इंग्लैंड और सिंगापुर तक जुड़ रहे हैं.

धर्म परिवर्तन की यह साजिश इतनी बड़ी थी कि इसके लिए मूक-बधिर दिव्यांग बच्चों और किशोरों को जरिया बनाया गया,

उनके कंधे पर रखकर नफरती बंदूक चलाई गई और इसके पीछे मकसद था कि अक्षम बच्चों को देखकर किसी को शक भी नहीं होगा. मकसद यह भी था कि अगर धर्मांतरण कराने का यह गंदा खेल खुला भी तो पकड़ में आएंगे बच्चे, जिनकी आड़ में छिपकर असली शातिर अपना दामन बचाएगा. 

उमर गौतम के कबूलनामे का वीडियो आया सामने

साजिश के इन पुलिंदों को तार-तार करने वाला वीडियो भी सामने आया है. यह वीडियो उमर गौतम के पुराने रिकॉर्ड हैं. इसके अलावा खुद उमर गौतम ने कबूला है कि इस्लामिक दवाह सेंटर जामिया, दिल्ली में उसने करीब 1000 लोगों को धर्मान्तरण सम्बन्धी डॉक्यूमेंट जारी किए हैं.

इस्लामिक दवाह सेंटर में महीने में औसत 15 से ज्यादा लोगो का धर्मान्तरण डॉक्यूमेंट किया जाता है - उसने यह भी कबूल किया है कि दवाह सेंटर के जरिए इंग्लैण्ड सिंगापुर ,पोलैंड तक में धर्मान्तरण का काम किया जाता है. 

1000 से अधिक लोगों को बदलवाया धर्म

यूपी पुलिस और खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा डेफ सोसायटी में पढ़ने वाले 12-15 मूक-बधिर किशोरो-युवकों को लालच देकर उनका धर्म बदला गया, ऐसा शक था.

पूछताछ में सामने आया कि धर्म बदलवाकर इन बच्चों को टारगेट दिया जा रहा था और उमर गौतम ने खुद बड़ी संख्या में युवा महिलाओं सहित 1000 से अधिक लोगों को धर्मांतरित करने की बात कबूल की थी.
यह भी सामने आया है कि इस्लामिक दवाह सेंटर को संयुक्त राज्य अमेरिका, कतर, कुवैत आदि में स्थित गैर सरकारी संगठनों से विदेशी फंडिंग की जा रही है. 

कई संस्थाओं के जरिए विदेशी फंडिंग

धन को फातिमा चैरिटेबल फाउंडेशन (दिल्ली), लखनऊ की अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन सहित कई भारत-आधारित FCRA पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से IDC में भेजा जाता है. मेवात ट्रस्ट फॉर एजुकेशनल वेलफेयर (फरीदाबाद), मरकजुल मारीफ (मुंबई) और ह्यूमन सॉलिडेरिटी फाउंडेशन (दिल्ली).  उमर गौतम ने अजमल बदाउद्दीन (सांसद, लोकसभा / एआईयूडीएफ) द्वारा फंडिंग होने का भी बात कही है. 

जाकिर नाइक से भी जुड़ रहे तार

इन लोगों का संपर्क सीधा सरकार में संस्थागत तौर पर भी था. इरफ़ान शेख नाम का एक शख्स महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार में बतौर अनुवादक कार्यरत था. सामने आया है कि शेख IDC को जरूरतमंद मूक-बधिर युवाओं और महिलाओं की डिटेल मुहैया करवा रहा था, जिन्हें आर्थिक मदद देकर धर्मांतरण के लिए टारगेट किया जाता था.

IDC का कतर स्थित सलाफी उपदेशक डॉ बिलाल फिलिप्स द्वारा स्थापित इस्लामिक ऑनलाइन विश्वविद्यालय के साथ संबंध हैं, जो जाकिर नाइक के सहयोगी हैं.

साइलेंट जिहाद दिया है नाम

उमर गौतम के ग्लोबल पीस सेंटर, दिल्ली के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जो मौलाना कलीम सिद्दीकी द्वारा संचालित है. यह सेंटर विशेष तौर पर मेवात क्षेत्र में धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल है.  वर्तमान में देश भर में 60 से अधिक दवाह संस्थान चलाए जा रहे हैं. इनके मेन टारगेट पर हैं यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र.

दवाह के नाम से कट्टरपंथी और कट्टरपंथी संगठनों द्वारा धर्म परिवर्तन जैसी गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिसे साइलेंट जिहाद का नाम दिया गया है.

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