मुंबईः कोरोना वायरस अब हर तरह की पब्लिक सर्विस पर आंखें टेढ़ी करने लगा है. स्थिति नहीं सुधरती है तो आगे ट्रेड व छोटे बिजनेस व काम-धंधों को और नुकसान पहुंच सकता है. महाराष्ट्र इस वक्त कोरोना के सबसे अधिक मामले झेल रहा है. इसलिए यहां दहशत का माहौल भी अधिक है. कोरोना वायरस दुनियाभर में लगातार लोगों की जान ले रहा है. ऐसे में भारत की स्थिति भी गंभीर है और गुरुवार तक यहां संक्रमण के 166 मामले सामने आए हैं. इधर महाराष्ट्र के मुंबई के दफ्तरों को खाना पहुंचाने वाली डब्बावाला चेन ने भी अपनी सेवाएं 31 मार्च तक के लिए बंद कर दी हैं. 


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भारत में अब तक 166 मामले
भारत में कोरोना वायरस के लगातार मामले सामने आ रहे हैं. देश में हर रोज इससे संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है और यह आंकड़ा 166 हो गया है. वहीं, दुनियाभर में यह आंकड़ा दो लाख पार कर गया  है. कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से एक तरह से देश की रफ्तार पर ब्रेक सी लग गई है. दिल्ली, पटना, मुंबई, गुरुग्राम समेत कई अन्य शहरों में सार्वजनिक स्थलों, मॉल-मल्टिप्लेक्स, सिनेमाघर, बाजार और मंदिर बंद कर दिए गए हैं.



इस महामारी का असर शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है. भारत में अभी तक तीन मौतें हुई हैं. कोरोना के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं. 


अब पता चला है कि कोरोना का वायरस हवा में भी ज़िंदा रहता है


मुंबई में डब्बावालों ने 31 मार्च तक निलंबित की सेवाएं
मुंबई के मशहूर टिफिन डिलीवरी वाले डब्बावालों ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर वह 31 मार्च तक अपनी सेवाएं निलंबित कर रहे हैं. मुंबई डब्बावाला संघ के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने बताया कि सेवाएं एहतियाती तौर पर शुक्रवार से निलंबित रहेंगी. तालेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से ट्रेनों और बसों में बेवजह यात्रा ना करने की अपील की थी, जिसको ध्यान में रखते हुए संघ ने टिफिन डिलीवरी सेवाएं निलंबित करने का फैसला किया.


कर्मचारियों ने किया कोविड-19 के मरीजों के कपड़े धोने से इनकार
कोरोना वायरस को लेकर डर और अज्ञानता के चलते एक स्थानीय सरकारी मेडिकल कॉलेज में कपड़े धोने वाले कर्मचारियों ने उस पृथक वार्ड से आने वाले कपड़ों को धोने से इनकार कर दिया जहां कोविड-19 के तीन मरीज भर्ती हैं और चार अन्य निगरानी में रखे गए हैं. पृथक वार्ड के कर्मचारियों ने बेडशीट, पर्दे आदि जैसे कपड़े धोने के लिए ‘धोबियों’ को दिए जो अन्य वार्ड के कपड़े धोने का भी काम करते हैं.


इन कर्मचारियों ने संक्रमण फैलने के डर से पृथक वार्ड से आने वाले कपड़े धोने से इनकार कर दिया. कपड़े धोने का काम करने वाले अशोक चौधरी ने कहा, हमें डर है कि इन कपड़ों को छूने से हम कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाएंगे.


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