Corona की जद में महाराष्ट्र, 50 फीसदी कर्मचारियों को 'Work from Home'

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने कई बड़े फैसले किए हैं. मुंबई में 50 फीसदी कर्मचारियों के लिए 'वर्क फ्राम होम' की सुविधा अनिवार्य कर दी गई है. संक्रमण के खौफ से शहरों में रहने वाले बहुत से लोग गांवों को लौटने लगे हैं. जिसकी वजह से गांवों में भी डर का माहौल है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 19, 2020, 03:37 PM IST
    1. महाराष्ट्र में कोरोना के खौफ से दहशत में लोग
    2. BEST की बसों में खड़े होकर सफर करने पर रोक
    3. महाराष्ट्र में 2 लाख लोगों को नहीं मिलेगा खाने का डिब्बा
    4. मेडिकल स्टोर्स में मास्क और सैनेटाइजर की कमी
Corona की जद में महाराष्ट्र, 50 फीसदी कर्मचारियों को 'Work from Home'

मुंबई: मुंबई में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए बीएमसी खास सतर्कता बरत रही है. इसके तहत 50 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्राम होम की सुविधा ना देने वाली निजी कंपनियों को बीएमसी ने चेतावनी दी है. बीएमसी की टीम निजी कंपनियों के दफ्तर जाकर चेकिंग करेगी और दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 

टेलीफोन हेल्पलाइन 1916 का करें इस्तेमाल

बीएमसी का कहना है कि कोरोना के स्टेज तीन पर पहुंचने के मद्देनजर एहतियात बरतना जरूरी है. बीएमसी ने लोगों से अपील की है कि अपनी शिकायत या अन्य काम को लेकर बीएमसी के हेडक्वार्टर पर ना जाएं. इसके लिए ईमेल या फिर टेलीफोन हेल्पलाइन 1916 का इस्तेमाल करें. 

BEST की बसों में खड़े होकर सफर करने पर रोक

महाराष्ट्र सरकार की एडवाइजरी के मुताबिक महाराष्ट्र के सरकारी दफ़्तरों में 50% कर्मचारी ही मौजूद रहेंगे. बसों, मेट्रो, ट्रेनों में 50% यात्रियों को ही सफर की इजाजत होगी. मुंबई में BEST की बसों में खड़े होकर सफ़र करने पर रोक लगाई गई है. BEST की बसों में सीट पर बैठकर ही सफर की इजाजत होगी और मास्क, दवाओं जैसी जरूरी चीजों की कालाबाजारी करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

महाराष्ट्र में 2 लाख लोगों को नहीं मिलेगा खाने का डिब्बा

कोरोना का असर देश की आर्थिक राजधानी और मायानगरी मुंबई में इस कदर देखा जा रहा है कि शुक्रवार से यहां डिब्बेवाले अपनी सर्विस नहीं देंगे. डिब्बेवालों ने गुरुवार को बैठक किया, जिसमें ये निर्णय लिया गया कि 31 मार्च तक डब्बा नहीं दिया जाएगा. आपको बता दें, मुंबई में तकरीबन 5 हजार डब्बेवाले 2 लाख लोगों को डिब्बे के जरिये खाना पहुचाते हैं.

महाराष्ट्र मेँ सैनेटाइजर और मास्क की कमी के मद्देनजर ड्रग्स दुकानों पर चेकिंग तेज कर दी गई है. महाराष्ट्र के एफ़डीए मंत्री डॉक्टर राजेंद्र शिंगणे ने बुधवार को मुंबई के कई इलाकों के मेडिकल स्टोर का खुद मुआयना किया. कोरोना की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने महाराष्ट्र की जेलों में बंद कैदियों से मास्क बनवाने का अभियान शुरू किया है.

मेडिकल स्टोर्स में मास्क और सैनेटाइजर की कमी

कोरोना के मामले बढ़ने के बाद महाराष्ट्र के मेडिकल स्टोर्स में मास्क और सैनेटाइजर की कमी हो गई है, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं. मुंबई के बाद नागपुर में भी शराब की दुकानें, रेस्टोरेंट और क्लब 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिये गये हैं. राज्य में लगातार कोरोना पॉजिटिव की संख्या में बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में भी खौफ दिखने लगा है.

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उस्मानाबाद से लोग पुणे और मुंबई में रोजीरोटी के लिए जाते हैं. लेकिन अब कोरोना संकट के चलते ये लोग शहरों से अपने गांव पहुंच रहे हैं. शहरों से लौटने वाले लोगों को लेकर अब गांवों में खौफ का माहौल है. प्रशासन की ओर से ऐसे लोगों की मेडिकल जांच करवाई जा रही है.

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