नई दिल्लीः Corona संकट के इस दौर में कई दुखद और दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आई हैं. लोग ऑक्सिजन की कमी से मर रह हैं. अस्पतालों में जीवित जाने वाला कोरोना मरीज वहां से लाश बनकर निकल रहा है. किसी को दवा नहीं मिल रही तो किसी को अस्पताल में एडमिशन नहीं मिल रहा है. इस बीच मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नदियों में तैरते दिखे हैं सैकड़ों के शव
यह आंकड़ा इतना बड़ा है कि देश में श्मशान घाट कम पड़ जा रहे हैं और चिताएं जलाने के लिए के लिए लकड़ियां खत्म हो गईं हैं.



बीते 4 दिनों में जिन घटनाओं से सबसे अधिक दहशत फैली है वह है नदियों में करोना मरीजों के शव बहा देना. उत्तर प्रदेश के उन्नाव, कानपुर, हमीरपुर, वाराणसी, चंदौली और बिहार के बक्सर में गंगा-यमुना नदियों में सैकड़ों तक की संख्या में शव तैरते दिखे हैं.


यह भी पढ़िएः दुनिया भर में कोरोना का कहर जारी, विश्व में कोरोना के आंकड़े 16 करोड़ के पार


क्या वॉटर सप्लाई में है कोरोना?
यह दृश्य जहां खुद में दिल दहला देने वाला है, वहीं इससे लोगों में एक तनाव और पैदा हो गया है कि क्या नदियों के जल में इस तरह से कोरोना के मरीजों के शव संक्रमण को और नहीं फैलाएंगें. लोगों की चिंता को ZEE Hindustan ने एक्सपर्ट के सामने रखा और virologist DR BL sherwal से इस बारे में बात की. 


कोई भी शव नदी में नहीं बहाना चाहिए
DR BL sherwal से पूछा गया कि जहां गंगा वाटर की सप्लाई होती है क्या वहां गंगा वाटर के साथ कोरोना भी आ जाएगा, अगर ऐसा हुआ तो तबाही बहुत भारी हो सकती है. इस पर Dr. sherwal ने कहा कि चाहे व्यक्ति का Corona से निधन हो या सामान्य मौत हो, नदी में सीधे शव प्रवाहित करने का कोई विकल्प नहीं है. इससे तो बचना ही चाहिए. कोरोना रोगियों का भी अंतिम संस्कार कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए उनके धर्म-रीति से करना चाहिए. 


यह भी पढ़िएः कोरोना हेल्थ Insurance: कंपनी और अस्पताल नहीं कर सकते इन बातों से इनकार


नदी से कोरोना फैलने का कोई उदाहरण नहीं
हालांकि नदियों से वायरस संक्रमण की बात है तो जहां तक देखा गया है कि उसके मुताबिक पानी से कोरोना इंन्फेक्शन नहीं फैलता है. इसलिए गंगा वाटर सप्लाई का प्रयोग करने वालों को डरने की जरूरत नहीं है कि गंगा वाटर से कोरोना फैल सकता है. डेड बॉडी में वायरस कुछ दिन सर्वाइव जरूर कर सकता है, लेकिन पानी से कोविड फैलने का अब तक कोई उदाहरण या कोई रिपोर्ट नहीं है.



लेकिन गंदे पानी से होने वाली बीमारियां जरूर हो सकती हैं. इसलिए नदी का पानी सीधे प्रयोग करने वालों को इसका खतरा अधिक है. जल शोधन संयत्र से आने वाले पानी में यह खतरा बहुत अधिक कम हो जाता है. 


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.