सिर पर कफन बांधकर राष्ट्रसेवा करने वाले NSG जवान को नहीं मिली बेड, तड़प तड़प कर दी जान
लोग सरकार और प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि जब देश के लिए अपनी जिंदगी को दांव पर लगाने वाले जाबांज जवान को अस्पताल में बेड नहीं मिल रही है तो फिर आम इंसान का क्या होगा.
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की लहर के कारण अस्पतालों की बेहद बुरी दशा है. अस्पताल के बाहर मरीज अपनी जान गंवाने को विवश हैं. इस बीच NSG के जवान के साथ दिल दहला देने वाली घटना हुई.
NSG के ग्रुप कमांडर बीरेंद्र कुमार झा को दिल्ली में तत्काल प्रभाव से आईसीयू बेड न मिलने के चलते उनकी मौत हो गई. कोरोना से संक्रमित कमांडर बीरेंद्र कुमार झा को समय पर ICU का बेड नहीं मिला और उनकी दर्दनाक मौत हो गयी.
लोग सरकार और प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि जब देश के लिए अपनी जिंदगी को दांव पर लगाने वाले जाबांज जवान को अस्पताल में बेड नहीं मिल रही है तो फिर आम इंसान का क्या होगा.
22 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हुए थे NSG कमांडो
बीरेंद्र कुमार झा 22 अप्रैल को अर्धसैनिक बल के रेफरल हॉस्पिटल नोएडा में कोरोना से संक्रमित होने के चलते भर्ती हुए थे. उनकी हालत उस दौरान काफी सामान्य थी, लेकिन 4 मई की शाम 6:00 बजे अचानक बीरेंद्र कुमार झा की तबीयत बिगड़ी, जिसमें उनका ऑक्सीजन लेवल एकदम नीचे जाने लगा.
ICU बेड न मिलने से हुई मौत
बीरेंद्र कुमार झा को इसके बाद नोएडा के रेफरल हॉस्पिटल में आईसीयू बेड खाली ना होने के चलते दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह दी गई, जिसके तुरंत बाद दिल्ली में अस्पताल ढूंढने का सिलसिला शुरू हुआ.
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बेड के इंतजार में बिगड़ती गयी तबीयत
NSG के ग्रुप कमांडर को अस्पताल में आईसीयू बेड मिलने में करीब 5 घंटे से ज्यादा का समय गुजर गया, इस दौरान बीरेंद्र कुमार झा की तबीयत और क्रिटिकल होती गई. करीब रात 11:00 बजे मैक्स सुखदेव बिहार में उनको ले जाया गया.
वहां भी बेड ना होने की वजह से NSG के ग्रुप कमांडर को एस्कॉर्ट फॉर्टिस दिल्ली में भर्ती कराने के लिए ले जाया गया लेकिन उनकी स्थिति इतनी ज्यादा क्रिटिकल थी कि वहां पहुंचते-पहुंचते उनकी डेथ हो गई.
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