कितनी खतरनाक है कोरोना की तीसरी लहर? डरावनी जानकारी आई सामने

कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप से संक्रमित मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की अशंका दोगुनी है. देश और दुनियाभर में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. बीते 24 घंटे में 500 से अधिक लोगों ने कोरोना से अपनी जान गंवा दी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 28, 2021, 12:04 PM IST
  • कोरोना संक्रमण की रफ्तार में तेजी
  • 24 घंटे में 509 लोगों ने गंवाई जान
कितनी खतरनाक है कोरोना की तीसरी लहर? डरावनी जानकारी आई सामने

नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में भले ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन कोरोना का खतरा अब भी बना हुआ. कोरोना के बढ़ते ग्राफ से सरकार सकते में है. कोरोना के खतरा मंडराने से चिंता की लकीरे बढ़ गई है. इस बार कोरोना केरल में बेकाबू हो गया है. रोज 30 हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं. कोरोना को लेकर सावधानियां बरती जा रही है लेकिन केरल में नहीं कोरोना का थम रहा, सबसे ज्यादा 19 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट है.

देश में कोविड-19 के 46,759 नए मामले

भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 46,759 नए मामले सामने आए. शनिवार को एक्टिव केस बढ़कर 3,26,49,947 हो गई. बीते 24 घंटे में संक्रमण से 509 और लोगों की मौत हो गई. मृतक संख्या बढ़कर 4,37,370 हो गई. पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 14,876 मामलों की बढ़ोतरी हुई है.

डेल्टा वेरिएंट से जुड़ी डरावनी जानकारी

कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप से संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत उन लोगों की तुलना में दोगुनी होती है, जो कोरोना वायरस के शुरुआती स्वरूपों से संक्रमित हुए हैं. ब्रिटेन के एक नए अध्ययन के निष्कर्षों से यह जानकारी मिली हैं.

दुनिया भर में शुरुआत में फैले कोविड-19 के अल्फा स्वरूप की तुलना में नया डेल्टा स्वरूप अधिक तेजी से फैलता है, लेकिन अभी यह अस्पष्ट है कि यह अपेक्षाकृत अधिक गंभीर है या नहीं. इसका एक कारण यह है कि डेल्टा स्वरूप का संक्रमण ऐसे समय में फैलना आरंभ हुआ है, जब कई देशों ने वैश्विक महामारी के कारण लागू प्रतिबंधों में ढील दे दी है और जनसंख्या के बड़े हिस्से को टीका नहीं लगा है.

रिसर्चर्स ने की मरीजों के तादाद की समीक्षा

‘पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड’ के अनुसंधानकर्ताओं (Researchers) ने मार्च से मई के बीच कोविड-19 के 40,000 से अधिक मामलों की अस्पताल में भर्ती मरीजों की दर के संदर्भ में समीक्षा की. इसी अवधि में डेल्टा स्वरूप ब्रिटेन में फैलना शुरू हुआ था. इस अध्ययन के परिणाम स्कॉटलैंड के एक अध्ययन से प्रारंभिक निष्कर्षों से मेल खाते हैं कि डेल्टा स्वरूप के संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है.

महत्वपूर्ण बात यह है कि इस नए अध्ययन में जिन मामलों की समीक्षा की गई, उनमें से दो प्रतिशत से भी कम ऐसे लोग हैं, जिनका पूर्ण टीकाकरण हुआ है. इस अध्ययन के निष्कर्ष ‘द लांसेट इन्फेक्शस डिजीजेस’ में शुक्रवार को प्रकाशित हुए.

कोरोना की तीसरी लहर, ज्यादा खतरनाक!

केरल में पिछले 6 दिनों का आंकड़ा देखे तो केरल में बढ़ते कोरोना की वजह से अमेरिका के बाद भारत दूसरा देश है जहां कोरोना के मामले सबसे ज्यादा है.

21 अगस्त को केरल में 21,116 केस थे और भारत में मामले 30,948 था और केरल में भारत का प्रतिशत 67.34% था. 22 अगस्त को केरल में 10 हजार से अधिक मामले थे. 23 अगस्त को भारत में 25 हजार से कोरोना के मामले थे वहीं केरल में  13 हजार केस से उपर था. जबकि 24 अगस्त को केरल में 24,296 नए मामले सामने आए. वहीं 25 अगस्त को केरल ममें 31 हजार से ज्यादा कोरोना केस दर्ज किया गया. जबकि 26 अगस्त को केरल में कोरोना के केस 30 हजार के पार हो गया.

कोरोना के तीसरी लहर को लेकर पीएम मोदी भी देशवासियों को सावधान कर चुके हैं लेकिन केरल और दूसरे राज्यों में जहां लगातार कोरोना के केस बढ़ रहे हैं लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं.

दुनिया में इस वक्त सबसे ज्यादा कोरोना मामले अमेरिका में दर्ज किए जा रहे हैं. इसके बाद भारत में सबसे ज्यादा कोरोना केस सामने आ रहे हैं, जिसका कारण है सिर्फ केरल.. ब्राजील, ब्रिटेन, ईरान में भी केरल के बराबर ही मामले आ रहे हैं.

केरल में कोरोना के 32 हजार से ज्यादा मामले हैं. वहीं देश में 46 हजार से ज्यादा कोरोना के केस हैं, जबकि अमेरिका में डेढ़ लाख केस है. ब्राजील में 30 हजार से उपर है. ब्रिटेन में भी 35 हजार कोरोना केस दर्ज किया गया है और ईरान में करीब 40 हजार केस सामने आएं हैं.

देश में भले ही लगातार वैक्सीनेशन हो रहा है, लेकिन केरल में बेकाबू होते कोरोना ने चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में वक्त रहते केरल में कोरोना पर लगाम नहीं लगाया गया. तो कोरोना एक बार फिर कमबैक कर सकता है.

आंकड़ों से समझिए कोरोना का प्रकोप

आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 51,68,87,602 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 17,61,110 नमूनों की जांच शुक्रवार को की गई. दैनिक संक्रमण दर 2.66 प्रतिशत है, जो पिछले 33 दिन से तीन प्रतिशत से कम है. वहीं, साप्ताहिक संक्रमण दर 2.19 प्रतिशत है, जो पिछले 64 दिन से तीन प्रतिशत से कम है. देश में अभी तक कुल 3,18,52,802 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है.

देश में शनिवार सुबह तक कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 62.29 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं. देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी.

वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख के पार चले गए. देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे.

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