नई दिल्लीः छिछली सियासत करने के बाद, गरीबों के बड़े पैमाने पर पलायन कर लेने के बाद और टीका-टिप्पणी करने के बाद अब दिल्ली सरकार जागी है. जब दिहाड़ी कामगारों के भारी पलायन पर सवाल उठने लगे तो सीएम केजरीवाल क खुद आगे आना पड़ा और अपील करते हुए कहा कि लोग राजधानी में जहां हैं, वहीं रुके रहें. उन्होंने कहा है कि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. उन्होंने सरकार की तरफ से किराया भरे जाने की अपील भी की है.
किराये के लिए दबाव न बनाएं मकान मालिकः सीएम
कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच राजधानी से पलायन कर रहे प्रवासी कामगारों और मजदूरों के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब बड़ी घोषणा की है. केजरीवाल ने सभी से राजधानी में ही रुकने की अपील की है और कहा है कि दिल्ली सरकार सभी के घरों का किराया देगी.
Delhi government to pay rent if tenants fail to do so: Kejriwal
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— ANI Digital (@ani_digital) March 29, 2020
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह से बड़ी संख्या में पलायन करने से कोरोना के संक्रमण का खतरा बहुत बढ़ जाएगा. सीएम ने कहा कि आप जहां हैं वहीं रहें, साथ ही उन्होंने मकान मालिकों से किराया देने का दबाव न बनाने की अपील की. केजरीवाल ने कहा कि यदि किराएदार अपना किराया एक या दो महीनों तक देने में सक्षम नहीं हैं तो सरकार उनकी तरफ से बाए किराए का भुगतान करेगी.
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शनिवार को आनंद विहार पहुचे थे मजदूर
पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है. लेकिन इन सब के बीच दिल्ली में रहने वाले प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर लगातार पलायन कर रहे हैं. शनिवार शाम को दिल्ली के आनंद विहार बस टर्मिनल भारी संख्या में प्रवासी मजदूर और अन्य लोग पहुंचे. वे यहां बस का इंतजार कर रहे थे.
इनमें से ज्यादातर लोग पैदल ही आनंद विहार तक पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि शनिवार देर रात लोगों की भीड़ वहां से छटने लगी. पुलिस और प्रशासन के समझाने के बाद ये प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर वापस लौट गएं.
गृह मंत्रालय ने पलायन रोकने के लिए दिए निर्देश
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में एक एडवाइजरी भेजी है. इसमें कहा गया है कि वे दूसरे राज्यों के लोगों जो कि अन्य राज्यों में रह रहे हैं, उनकी आवश्यक वस्तुओं की अबाध आपूर्ति सुनिश्चित करें ताकि ऐसे लोग जहां हैं, वहीं बने रहें.
मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने परामर्श जारी होने की जानकारी दी थी. इसमें कहा गया था कि वे प्रवासी कृषि मजदूरों, उद्योगों में लगे कामगारों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के बड़े पैमाने पर हो रहे पलायन को रोकें. जिससे कोरोना वायरस से संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके.’
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