`चीन का धोखा - भारत के लिए मौका`, जानिए कैसे?
कोरोना वायरस महामारी फैलने से दुनिया भर के लाखों लोगों में चीन के प्रति नाराजगी बढ़ी है. चीन की बढ़ती आलोचनाओं के बीच केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वर्तमान में चीन के खिलाफ `बहुत नफरत` है जिसका भारत फायदा उठा सकता है, पढ़िए ये रिपोर्ट...
नई दिल्ली: चीन की चालाकी और फरेब का सबूत पूरी दुनिया के सामने आ चुका है. पहले तो दुनियाभर में चीन के कोरोना वायरस से महामारी फैली. अब चीन महामारी के बाद नकली सामान बेचने के धंधे पर उतर आया है.
चीन का धोखा, भारत के लिए मौका!
ऐसे में 'ड्रैगन' पूरी दुनिया के निशाने पर है. तो क्या दुनिया चीन के साथ व्यापार नहीं करना चाहती? केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मानना है कि वर्तमान में चीन के खिलाफ "बहुत नफरत" है, जिसका भारत फायदा उठा सकता है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "जिस तरह से चीन की स्थिति है, दुनिया का कोई भी देश चीन में पूंजी लगाने में रुचि नहीं रख रहा. ये भारतीय बाज़ार के लिए सुनहरा मौका है. हमनें अपने मंत्रालय में एक व्यक्ति को जॉइंट सेक्रेटरी जैसी एक ख़ास ज़िम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है, जो विदेशी निवेश के क्षेत्र में काम करेगा. नई तकनीक, नई खोज, नए शोध और नया निवेश हमारे लिए एक नई चुनौती है. मुझे विश्वास है कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार इस मौके का फायदा उठाने की हर संभव कोशिश करेगी."
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा अवसर
ओवरसीज छात्रों से बातचीत में नितिन गडकरी ने कहा कि संकट की ये घड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा अवसर है. दरअसल, चीन की कारगुजारियों की वजह से उस पर से दुनिया का भरोसा उठता जा रहा है. जापान पहले ही चीन व्यापार हटाने के लिए करीब 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के फंड का ऐलान कर चुका है.
दुनिया भर में कोरोना फैलाने के आरोपों से घिरे चीन दुनिया को कोरोना से लड़ने में मदद देने के नाम पर अपनी जेबें भर रहा है. कोरोना से लड़ाई में 'मेड इन चाइना' की पोल खुल चुकी है. भारत में जो रैपिड टेस्टिंग किट वायरस को पकड़ने के लिए चीन ने भेजे थे वो फेल हो गए.
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे
भारत ने किट में खामी पाए जाने के तुरंत बाद इस्तेमाल पर रोक लगा दी. भारत ने जब इस बात की शिकायत दर्ज की तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटने लगा और ये नसीहत देने लगा कि कंपनी की जांच खरीदने से पहले कर लेनी चाहिए थी.
भारत के अलावा कई देश चीन की धोखेबाजी का शिकार हो चुके है. इटली, स्पेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, चेक गणराज्य और तुर्की जैसे तमाम देश है जिसको चीन ने महासंकट के वक्त में भी नकली मास्क और कीट बेचें.
चीन ने दुनिया को दिया धोखा, भारत ने जीता दिल
'कोरोना काल' में चीन की 'महाठगी' से पूरी दुनिया परेशान है. दुनियाभर में अपनी बेइज्जती करा चुका चीन अब अपनी इमेज सुधारने की कोशिश कर रहा है. इस विश्व युद्ध में अब तक की बड़ी पिक्चर यही है कि चीन ने दुनिया को महामारी दी. धोखा दिया और भारत ने दुनिया को दवा दी, सबका दिल जीता है.
चीन ने वुहान से फैले कोरोना वायरस का सच छिपाने की कोशिश की. जबकि, भारत ने 50 से ज्यादा देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा दी. चीन ने कोरोना वायरस को लेकर WHO से भी जानकारी छिपाई जबकि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को भी भारत ने जरूरी दवाएं मुहैया कराईं.
चीन ने अपने झूठ में WHO को भी मिला लिया. जबकि, भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम के मार्ग को चुना. जिस देश ने मदद मांगी उसे निराश नहीं किया. वायरस की जानकारी छिपाने के लिए अमेरिका में चीन पर केस दर्ज किया गया जबकि भारत की हर कोई तारीफ कर रहा है. आपको ये जानकर खुशी होगी कि सार्क देशों को भी भारत ने आर्थिक मदद दी है. और चीन ने कोरोना की जांच के लिए घटिया टेस्ट किट दुनिया में भेजे जबकि भारत ने तो चीन की मदद की भी पेशकश की.
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चीन पर भरोसा मतलब बर्बादी पक्की है क्योंकि कोरोना को दुनिया भर में फैलाने वाला चीन, जो दवाइयों और उपकरणों की सप्लाई करके दुनिया में अपनी इमेज सुधारना चाहता था, उसकी पोल खुल गई है.
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