चीन की 'कोरोना चालाकी' पर बड़ा ख़ुलासा: दवा को पेटेंट कराने की कोशिश

चीन पर आज का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है. चीन की चालाकी एक बार फिर पकड़ी गई है. ये चालाकी ऐसी है, जिसके बाद चीन एक बार फिर सवालों के कटघरे में खड़ा हो गया है. चीन की कोरोना चाल समझाने वाली ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट आपको जरूर पढ़नी चाहिए..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 26, 2020, 09:30 PM IST
    1. चीन के 'पेटेंट' प्लान पर सबसे बड़ा खुलासा
    2. चीन की 'कोरोना चाल' पर सबसे बड़ी ख़बर
    3. जानबूझकर दुनिया को परेशानी में डाला
चीन की 'कोरोना चालाकी' पर बड़ा ख़ुलासा: दवा को पेटेंट कराने की कोशिश

नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर चीन खुद को बेगुनाह बताता रहा है. चीन कहता रहा है कि कोरोना वायरस जानबूझकर नहीं फैलाया गया. बल्कि, ये वुहान की वेट मार्केट से फैला. चीन की ये सफाई किसी भी देश के गले नहीं उतरती. वुहान लैब पर चीन पहले से ही शक के घेरे में है. वायरस पर जानकारी छिपाने के आरोप ड्रैगन पर लगातार लग रहे हैं.

चीन की 'कोरोना चाल' पर सबसे बड़ी ख़बर

चीन को लेकर अब एक और बड़ी जानकारी सामने आई है. चीन पर एक और बड़ा ख़ुलासा हुआ है. चीन ने कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे कारगर मानी जा रही दवा को तभी पेटेंट कराने की कोशिश की थी. जब वहां सबसे पहले इंसानों के बीच कोरोना वायरस के फैलने की पुष्टि हुई थी.

20 जनवरी को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बात की पुष्टि की थी कि कोरोना नाम का ये वायरस इंसानों से इंसानों में फैल सकता है. यानी चीन के अधिकारियों को इसकी जानकारी पहले से थी कि ये एक प्रकार की महामारी है. ये सबकुछ लीक हुए कुछ दस्तावेजों से साबित हो रहा है. लेकिन इसके बावजूद 6 दिन बाद लोगों को चेतावनी दी गई.

चीन के 'पेटेंट' प्लान पर सबसे बड़ा खुलासा

सिर्फ इतना ही नहीं, अमेरिका ने जो दवा बनाई थी, Remdesivir उसको इबोला से लड़ने के लिए 21 जनवरी को ही पेटेंट कराने की अर्जी दे दी गई. ये अर्जी मिलिट्री मेडिसिन इंस्टिट्यूट और वुहान की लैब ने बनाई थी.

आपको बता दें कि इस दवा Remdesivir को इबोला के लिए ड्रग के रूप में विकसित किया गया था. लेकिन खास बात ये है कि ये माना जाता है कि इस दवा से और भी कई तरह के वायरस मर सकते हैं. और इसकी पुष्टि अमेरिका में भी हुई है.

वाशिंगटन में Covid-19 के खिलाफ जंग जीतने वाली एक महिला ने इस बात की जानकारी दी है कि इस दवा Remdesivir की मदद से उनके पति कोरोना संक्रमण से ठीक हो गए थे. हालांकि ये उनका निजी अनुभव था.

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यानी ये दवा कोरोना वायरस के पीड़ितों के इलाज के लिए कारगर है और ये बात कहीं ना कहीं चीन को पहले से मालूम थी. इसीलिए चीन ने इस दवा का पेटेंट कराने की अर्जी 21 जनवरी को ही दे दी थी.

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