नई दिल्लीः महादेव सट्टा ऐप मामले में ईडी की पूछताछ में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है, उसका कहना है कि उसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक नकद रुपये पहुंचाने के लिए भेजा गया था. धन का लेन-देन करने वाला असीम दास ने 12 दिसंबर को एक नया बयान दर्ज कराया था. इसमें वह 3 नवंबर को अपने दिए हुए बयान से मुकर गया था. हालांकि, एक बार फिर वह अपने पुराने बयान पर आ गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नवंबर में गिरफ्तार हुआ था असीम दास
असीम दास को संघीय जांच एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में रायपुर में स्थित एक होटल से छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तार किया था. इस दौरान दास ने स्वीकार किया था कि उसके पास से जब्त धनराशि (5.39 करोड़ रुपये नकद) की व्यवस्था महादेव ऐप के प्रवर्तकों द्वारा की गई थी. इस राशि को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में खर्च के लिए एक राजनेता बघेल तक पहुंचाना था.


छवि खराब करने का किया जा रहा प्रयास 
ईडी की मानें, तो तीन नवंबर को दास ने पूछताछ में बताया था कि महादेव ऐप के प्रवर्तक शुभम सोनी ने उसे अक्टूबर 2023 में दुबई बुलाया और कहा था कि उसे नकदी प्रदान की जाएगी, जिसे भूपेश बघेल को दिया जाना था. इसके बाद 12 दिसंबर को अपने दिए बयान में दास इससे उलट गया था. हालांकि, एक बार फिर वह अपने पुराने बयान पर कायम हो गया है. वहीं, इस मामले पर भूपेश बघेल का कहना है कि उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है. कांग्रेस ने इसे केंद्र की प्रतिशोध की राजनीति करार दिया. 


ईडी के आरोपपत्र में 5 आरोपियों के नाम
इस पूरे मामले में ईडी ने अपने आरोपपत्र में पांच आरोपियों- असीम दास, पुलिस कांस्टेबल भीम सिंह यादव और महादेव ऐप के संचालक शुभम सोनी, लेखा विभाग के कर्मचारी रोहित गुलाटी और अनिल कुमार अग्रवाल उर्फ ​​अतुल अग्रवाल का नाम शामिल किया है. मीडिया रिपोर्ट्स की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस मामले में 10 जनवरी को रायपुर अदालत आरोपपत्र पर संज्ञान लेगी. 


ये भी पढ़ेंः राशन घोटाले में TMC नेता गिरफ्तार, कल पश्चिम बंगाल में ED की टीम पर हुआ था हमला


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.