नई दिल्ली: ED Raids in NDA and UPA: देश में अक्सर एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठता रहा है. कांग्रेस भाजपा पर यह आरोप लगाती रही है कि सत्ता में रहते हुए मोदी सरकार ने ED का गलत इस्तेमाल किया है. हालांकि, इसका फिलहाल कोई आधार नहीं है कि किस सरकार में ED का गतल इस्तेमाल हुआ. लेकिन यह तुलना सामने आई है कि किस सरकार में ED ज्यादा एक्टिव रही है. हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते 10 साल में (केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय) ED की कार्रवाई में उछाल आया है.
86 गुना बढ़ी ED की छापेमारी
पीटीआई-भाषा के विश्लेषण में सामने आया है कि बीते 10 साल की अवधि में धन शोधन रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत ईडी की छापेमारी 86 गुना बढ़ गई है. 2014 से पहली की UPA सरकार की तुलना में ईडी ने 25 गुना ज्यादा संपत्ति जब्त की है.
3 गुना ज्यादा मामले दर्ज हुए
आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते 10 साल में पीएमएलए कानून के तहत 5,155 मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि यूपीए सरकार में 1,797 मामले दर्ज हुए. UPA की तुलना में NDA सरकार में तीन गुना ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. भाजपा सरकार में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 7,264 छापेमारी की हैं. UPA सरकार में ईडी ने सिर्फ 84 छापेमारी की थी. भाजपा सरकार में ईडी ने 86 गुना ज्यादा छापेमारी की है.
जब्त की गई नकदी में भी इजाफा
रिपोर्ट की मानें तो बीते 10 साल में पीएमएलए कानून के तहत ED ने 2,310 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की. जबकि पहले सिर्फ 43 लाख रुपये की नकदी की ही जब्ती हुई.
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