नई दिल्ली: Veerappan Daughter Vidyarani: रात को 12-1 बजे होंगे. अंधेरा है, लेकिन चांदनी की रौशनी उस पर हावी है. कावेरी नदी के पानी की कलकल सुनाई दे रही है. पास के जंगल में 8-9 साल की एक लड़की खड़ी है. तभी झाड़ियों में से एक आदमी निकलकर आता है. बच्ची उसकी लंबी और घनी मूछें देखकर डर जाती है. लेकिन फिर वह सहज होती है और उस आदमी से घंटेभर बात करती है. इसके बाद वह आदमी सायें की तरह फिर से झाड़ियों में गायब हो जाता है. लड़की का नाम विद्यारानी है, मूंछों वाले आदमी उसके पिता थे. नाम था वीरप्पन, जो देश का सबसे कुख्यात डकैत था.
बेटी लड़ रही चुनाव
एक दौर था जब दक्षिण के जंगल खूंखार डकैत वीरप्पन का साम्राज्य हुआ करते थे. आसपास के इलाकों में वह डर का पर्याय बन गया था. लेकिन अब वीरप्पन की बेटी लोगों के सामने हाथ जोड़ रही हैं. बेटी विद्यारानी कृष्णागिरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं और लोगों से वोट मांग रही हैं.
इस पार्टी से मिला टिकट
विद्यारानी को NTK पार्टी से टिकट मिला है. इस पार्टी के पास कोई सांसद या विधायक नहीं है. यदि विद्यारानी जीतती हैं तो वे NTK की पहली सांसद होंगी.
ऐसे शुरू हुआ सियासी सफर
विद्यारानी की पढ़ाई बेंगलुरु में हुई. वे वकील हैं. उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरुआत भाजपा से की थी. BJP ने साल 2020 में विद्यारानी को भारतीय जनता युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष बनाया. फिर वे तमिलनाडु में भाजपा पिछड़ा मोर्चा की उपाध्यक्ष नियुक्त की गईं. लेकिन अब विद्यारानी ने भाजपा से राहे अलग कर ली हैं. वे एनटीके में आ गई हैं.
स्कूल चलाती हैं विद्या
विद्यारानी एक स्कूल चलाती हैं. इसमें करीब 60 बच्चे पढ़ते हैं. विद्या रानी का कहना है कि मेरे पिता को भले ही लोग अपराधी मानते हों. लेकिन उनके साथ रहे लोग उनके बारे में जो बताते हैं, उसे सुनकर प्रेरणा मिलती है. मेरे जीवन में जब भी कोई समस्या आती है तो मैं अपने पिता से जुड़ी बातें याद कर लेती हूं और मुझे परेशानियों से लड़ने की ताकत मिल जाती है.
वीरप्पन की भी थी राजनीति में दिलचस्पी
वीरप्पन की भी राजनीति में दिलचस्पी रही है. उसने एक बार कहा था कि डकैत फूलन देवी को माफी मिली और वे राजनीति में शामिल हो गईं. मैं भी माफी के इंतजार में था. साल 1999 में वीरप्पन ने दावा किया था कि कर्नाटक के पूर्व मंत्री राजा गौड़ा को उसने ही जिताया.
विद्यारानी का मुकाबला किससे
कृष्णागिरि तमिलनाडु की लोकसभा सीट है. यहां से भाजपा ने सी. नरसिम्हन को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने के गोपीनाथ को टिकट दिया है. AIDMK ने वी. जयप्रकाश पर दांव खेला है. 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के डॉ. चेल्लाकुमार ने जीते थे. बता दें कि यह इलाका अल्फांसो आम के लिए प्रसिद्ध है.
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