नई दिल्ली: लालकिला हिंसा (Red Fort Violence) कांड की टूलकिट साजिश का बेंगलुरू कनेक्शन जुड़ गया है.और सामने आ चुका है वो चेहरा, जिसने ग्रेटा थनबर्ग को टूलकिट साझा किया था. नाम है दिशा रवि (Disha Ravi), जिसे दुनिया फ्रायडे फॉर फ्यूचर कैंपेन की फाउंडर के तौर पर जानती है.


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बेंगलुरू की 22 साल की इस पर्यावरण कार्यकर्ता को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया तो दुनिया चौंक उठी.


टूलकिट साजिश (Toolkit Case) में दिशा रवि कैसे बड़े मोहरे की तरह काम कर रही थी. इसका खुलासा दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर किया है.



दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की ट्वीट के मुताबिक- जिस टूलकिट साजिश ने दिल्ली में गणतंत्र पर गदर की बिसात बिछाई थी. उस टूलकिट डॉक्यूमेंट को तैयार करने वाले मुख्य साजिशकर्ताओं में दिशा रवि (Disha Ravi) शामिल थी. उसने इसके लिये एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया और साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर टूलकिट साजिश का पूरा ड्राफ्ट तैयार किया.


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'अक्टूबर' वाली साजिश की हवा निकली!


चौंकाने वाली बात तो ये है कि टूलकिट साजिश (Toolkit Case) से 26 जनवरी कांड को अंजाम देने के बाद अगली साजिश की तैयारी भी जारी थी. इसे टूलकिट साजिश का अक्टूबर प्लान कहा जा रहा था. और दिशा इसके लिये उसी टूलकिट में हेरफेर करने में जुटी थी.


26 जनवरी को हुए लालकिला हिंसा कांड (Red Fort Violence) के बाद टूलकिट साजिश का भांडाफोड़ हुआ था. स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने किसान आंदोलन को लेकर जो ट्वीट किया था, उसके साथ गलती है उसने टूलकिट साजिश के गूगल डॉक्यूमेंट भी ट्वीट कर दिये थे.


और फिर गलती भांपते ही उसे उसे डिलीट कर दिया था.लेकिन तब तक तो हिन्दुस्तान को बदनाम करने और देश में अराजकता फैलाने की इस खतरनाक साजिश का राज खुल चुका था.


4 फरवरी को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने टूलकिट साजिश मामले में केस दर्ज किया. और दस दिन की जांच ने ही उसे बेंगलुरू में दिशा रवि तक पहुंचा दिया.


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दिशा की गिरफ्तारी से 'मास्टरमाइंड' बेचैन!


दिल्ली पुलिस के मुताबिक हिन्दुस्तान को दुनिया भर में बदनाम करने के लिये खालिस्तानी गैंग (Khalistan Gang)की संस्था पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने टूलकिट साजिश को अंजाम दिया था. दिशा रवि उस गैंग का हिस्सा थी. पुलिस जांच के मुताबिक ग्रेट्रा थनबर्ग को दिशा ने ही टूलकिट डॉक्यूमेंट शेयर किया था.


दिशा से पूछताछ में ये चौंकाने वाली बात भी खुलकर सामने आई है...कि ग्रेटा के ट्वीट पर हल्ला मचा, तो उस ट्वीट से टूलकिट डॉक्यूमेंट डिलीट करने के लिये दिशा ने ही ग्रेटा को कहा था.


दिशा शुरुआत में बस यही कबूल रही थी कि उसने टूलकिट डॉक्यूमेंट में महज दो लाइनें बदली थीं.लेकिन सबूतों के सामने उसका झूठ देर तक टिक नहीं सका.



दिशा की गिरफ्तारी के बाद पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का अध्यक्ष मो धालीवाल सकते में है. हिन्दुस्तान को तोड़ने के लिये खालिस्तानी गैंग को उकसाने का उसका वीडियो पहले ही सामने आ चुका है. साजिश के इस टूलकिट को दुनिया के कई देशों में सिख समुदाय के बीच फैलाया गया था.


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'स्लीपर सेल' बोलेगा, साजिश के राज खोलेगा!


दिशा की गिरफ्तारी से अब टूलकिट साजिश के स्लीपर सेल का खेल तो खुल चुका है, तो वहीं जांच अब इस बात की होने वाली है...कि आखिर राकेश टिकैत का टूलकिट कनेक्शन क्या है? टूलकिट साजिश-2 की अक्टूबर प्लानिंग के बोल उनकी जुबां पर कैसे गूंज रहे हैं?



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दिल्ली पुलिस इसे कबतक डिकोड करती है, अब दुनिया की नजरें इस पर टिकी हैं.


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