नई दिल्ली: जनरल बिपिन रावत 65 वर्ष की उम्र तक यानी अगले तीन साल तक इस पद पर रहेंगे. इस फैसले से पाकिस्तान में हलचल होनी तय है क्योंकि जनरल बिपिन रावत पाकिस्तान के आतंक के खिलाफ और PoK को लेकर आक्रामक बयान देते रहे हैं.


फैसला हिंदुस्तान में हुआ, डर पाकिस्तान में फैला


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पिछले कुछ दिनों में बाजवा और इमरान इसी तरह LoC के दौरे करते रहे हैं, दूरबीन लगाकर ये देखते हैं कि कहीं हिंदुस्तान कुछ बड़ा तो नहीं करने जा रहा है. बड़ा फैसला दिल्ली में हो चुका है और अब आतंकिस्तान चिंता करे की उसे पीओके कैसे बचाना है.


जनरल बिपिन रावत ही देश के पहले CDS बनने के लिए रेस में सबसे आगे चल रहे थे. क्योंकि, रावत की अगुवाई में ही सेना ने


  • बॉर्डर पर लगातार ना'पाक' हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया

  • पाकिस्तान पर लगातार सैन्य दबाव बनाकर रखा

  • जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ी

  • धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में शांति बनाने में अहम भूमिका

  • नॉर्थ-ईस्ट बॉर्डर पर सेना को ज्यादा मजबूत किया

  • सेना के मनोबल को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए

  • सरकार के साथ बेहतर तालमेल बनाकर काम किया


CDS पद से रिटायर होने के बाद उस व्यक्ति को कोई सरकारी पद नहीं मिलेगा. और पद छोड़ने के बाद 5 वर्षों तक सरकार की इजाजत के बिना वो किसी Private कंपनी में भी रोजगार नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा CDS का काम प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को उन मुद्दों पर सलाह देना होगा. जो देश की समग्र रक्षा और सामरिक मुद्दों से जुड़े होंगे.


आतंकिस्तान पर होगा सबसे बड़ा प्रहार


किसी सैन्य अभियान में सेना के अलग-अलग अंगों को शामिल करने और संयुक्त ऑपरेशन चलाने का फैसला भी CDS ले पाएंगे. अब तीनों सेनाएं भी अपनी ज़रूरतों के बारे में सरकार को ज़्यादा प्रभावी तरीक़े से बता पाएंगी, चाहे वो हथियारों की खरीद हो या फिर अलग-अलग कमांड की जरूरतें हो. यानी अब सेनाएं अपनी प्लानिंग बेहतर तरीके से कर पाएंगी.


जनरल रावत एक से ज्यादा बार पाकिस्तान को बहुत ही स्पष्ट भाषा में ये समझा चुके हैं कि उसके आतंक को हिंदुस्तान अब कतई बर्दाश्त नहीं करता है. बल्कि नाक तोड़ने वाला जवाब देता है.


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जनरल को कमान, शुरू PoK अभियान


इमरान खान भी ये बयान दे चुके हैं कि उन्हें PoK हाथ से निकलने का डर है. यानी इमरान खान और पाकिस्तान को सता रहा है. सेना के इस 2020 वाले अवतार से पाकिस्तान में खौफ फैलना तय है और ये खौफ पाकिस्तान में बने रहना जरूरी भी है और अच्छा भी है.


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