नई दिल्ली: सरकार भारत को एक वैश्विक वाहन विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को जयपुर में टाटा मोटर्स की वाहन कबाड़ सुविधा का वर्चुअल तरीके से उद्घाटन करते हुए यह बात कही.
वाहन उद्योग का देश की जीडीपी में कितना योगदान?
उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में घरेलू वाहन उद्योग 15 लाख करोड़ रुपये का होगा. गडकरी ने कहा कि वाहन उद्योग फिलहाल देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.1 प्रतिशत का योगदान देता है. उद्योग का आकार अभी 7.8 लाख करोड़ रुपये है.
मंत्री ने कहा, 'वाहन क्षेत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब चार करोड़ लोगों को रोजगार देता है. यह आंकड़ा 2025 तक बढ़कर पांच करोड़ होने की उम्मीद है. मैं देश को दुनिया का पहले नंबर का वाहन विनिर्माण केंद्र बनाने पर काम कर रहा हूं. भविष्य में इस उद्योग का आकार 15 लाख करोड़ रुपये का होगा.'
वाहन कबाड़ नीति से इस काम में मिली मदद
गडकरी ने कहा कि वाहन कबाड़ नीति से पुराने वाहनों को हटाने और चरणबद्ध तरीके से कम प्रदूषण वाले नए वाहनों को लाने में मदद मिली है. उन्होंने कहा, 'ऐसा अनुमान है कि कबाड़ नीति से वाहनों की जो मांग पैदा होगी उससे सरकार को 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व मिलेगा. नई कारों के लिए कच्चे माल की लागत 30 प्रतिशत घट जाएगी.'
उन्होंने बताया कि भारत अभी सालाना 80 लाख टन कबाड़ इस्पात का आयात करता है. गडकरी ने कहा, 'करीब 50-60 कबाड़ केंद्रों से इस्पात कबाड़ की आयात मांग घटेगी और भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा.' उन्होंने कहा कि वाहन कबाड़ नीति से एक संगठित उद्योग बनाने में मदद मिलेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
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