नई दिल्ली. एचडीएफसी बैंक और इसकी पैरेंट कंपनी एचडीएफसी के विलय को भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी मिल गई है. एचडीएफसी के द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक, एचडीएफसी को आरबीआई का 4 जुलाई, 2022 का पत्र मिला है जिसमें आरबीआई ने योजना के लिए अपनी मंजूरी जाहिर की है और इसके लिए कुछ शर्तों का उसमें उल्लेख है. बता दें कि यह भारत का अभी तक का सबसे बड़ा बिजनेस मर्जर साबित होने वाला है.
आरबीआई की मंजूरी के बाद मर्जर तय
4 अप्रैल को एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के विलय का एलान किया गया था. इस मर्जर के लिए कुछ वैधानिक और रेगुलेटरी मंजूरी चाहिए होंगी. बता दें कि, इस हफ्ते की शुरुआत में प्रस्तावित मर्जर के लिए बीएसई और एनएसई से मंजूरी मिल गयी थी. अब आरबीआई की मंजूरी के बाद दोनों के मर्जर में कोई दिक्कत नहीं आएगी.
भारत का सबसे बड़ा मर्जर
बता दें कि, एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का यह मर्जर भारत में अभी तक का सबसे बड़ा मर्जर है. एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का मर्जर करीब 40 हजार डॉलर का है. माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक ये मर्जर पूरा हो जाएगा. दोनों कंपनियों का संयुक्त ऐसेट करीब 18 लाख करोड़ रुपये का है.
ग्राहकों को मिलेगा तगड़ा फायदा
इस मर्जर का ग्राहकों और शेयरहोल्डर्स को भी फायदा मिलेगा. एचडीएफसी के हर एक शेयरहोल्डर को एचडीएफसी के 25 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे. इसके अंतर्गत एचडीएफसी के मौजूदा शेयरहोल्डर्स के पास एचडीएफसी बैंक का 41 फीसदी हिस्सा रहेगा और एचडीएफसी बैंक पूरी तरह यानी 100 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डर्स के स्वामित्व में हो जाएगा.
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