इस `मास्टर प्लान` से चालबाज चीन को मात देगा हिन्दुस्तान
चीन के सामने एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई वाले हालात पैदा होने वाले हैं, क्योंकि भारत ने उसे मात देने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. जानिए, चीन को हर मोर्चे पर हैसियत दिखाने के लिए भारत ने कौन सी तैयारी की है..
नई दिल्ली: बार-बार मुंह की खाने के बावजूद चीन भारत को आंख दिखाने की गलती कर ही देता है. भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन के दौरे पर रूस की राजधानी मॉस्को पहुंच गए हैं. इसके अलावा LAC पर हुई झड़प के बाद पहली बार चीन और भारत किसी बैठक में आमने-सामने होंगे.
बैठक के जरिए आमने सामने होंगे भारत और चीन
भारत की तरफ से चीन को हर मुमकिन संदेश दिया जा रहा है. कई तरह की गतिविधियां एक साथ चल रही है, इस बीच विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भारत-चीन-रूस के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेंगे. जिसका मतलब है भारत दुनिया के हर मंच पर चीन को बेनकाब करने की रणनीति काम कर रहा है.
RIC यानी रूस, भारत और चीन का समूह
आज भारत, चीन और रूस की अहम बैठक
विदेश मंत्री की चीन-रूस के विदेश मंत्रियों से बैठक
एस जयशंकर वर्चुअल बैठक में लेंगे हिस्सा
लद्दाख सीमा विवाद पर भी हो सकती है चर्चा
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी RIC की बैठक
विदेश मंत्री एस जयशंकर आज रूस और चीन के विदेश मंत्रियों के साथ RIC यानी रूस, इंडिया और चाइना संगठन की बैठक में शामिल होंगे. ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी. गलवान में झड़प के बाद राजनयिक स्तर पर पहली बार भारत और चीन आमने-सामने होंगे.
रूस के 75वीं विजय दिवस परेड में शामिल होंगे रक्षा मंत्री
राजनाथ सिंह रूस के 75वीं विजय दिवस परेड में शामिल होंगे. द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत रूस की जीत के जश्न में विजय दिवस मनाया जाता है. रूस में विजय दिवस परेड में भारतीय सेना के 75 जवान भी शामिल होंगे. मॉस्को में भारत के जवानों ने परेड की रिहर्सल में हिस्सा लिया. भारतीय सेना के तीनों अंगों के जवान परेड में शामिल होंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का 3 दिन का रूस दौरा
मॉस्को में विक्ट्री परेड में शामिल होंगे रक्षा मंत्री
भारतीय सेना के तीनों अंग परेड में शामिल होंगे
कोरोना की वजह से टाल दी गई थी विक्ट्री परेड
सामरिक साझेदारी मजबूत करने का मौका- राजनाथ
राजनाथ सिंह मॉस्को में भारत और रुस के बीच रणनीतिक साझेदारी को लेकर चर्चा कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक भारत एस-400 एंटी मिसाइल सिस्टम की डिलवरी में तेजी लाने के लिए रूस पर दबाव डाल सकता है. राजनाथ सिंह रूस से सुखोई-30MKI, मिग-29, टी-90 टैंक और किलो क्लास सबमरीन के उपकरणों की जल्द सप्लाई की मांग करेंगे.
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ऐसे में भारत ने चीन को हर मोर्चे पर सबक सिखाने के लिए अपनी कमर कस ली है. चमगादड़ चीन को चौतरफा चोट देने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है. ऐसे में उसे ये अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि उसकी एक भी गलती उसके लिए भारी साबित हो सकती है.
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