नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने श्रीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक में जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. इसी के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर दौरे के आखिरी दिन बारामुला में शाह ने एक जनसभा को संबोधित किया. इससे ठीक पहले उन्होंने कुछ ऐसा किया, जिसके जरिए उन्होंने वहां के लोगों से वो सीधा संपर्क कर सके.
शाह ने क्यों हटवाया बुलेट प्रूफ कांच?
दरअसल, ऐसी बात सामने आई कि अमित शाह ने कश्मीर के लोगों के प्रति भरोसा दिखाने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत मंच पर लगाए गए बुलेट प्रूफ कांच को हटवा दिया. उसके बाद ही लोगों को संबोधित किया. इस दौरान शाह ने कहा कि वो जम्मू-कश्मीर के लोगों से सीधे बात करना चाहते हैं.
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने ट्विटर पर इसका एक वीडियो भी शेयर किया है. इसमें आप देख सकते हैं कि मंच पर मौजूद अधिकारी बुलेट प्रूफ ग्लास को हटा रहे हैं.
VIDEO: Just before addressing the gathering in #Baramulla, J&K today, Home Minister @AmitShah ji had his bullet proof glass removed. pic.twitter.com/gSMM4uMtMi
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) October 5, 2022
शाह ने जम्मू-कश्मीर सुरक्षा एजेंसियों से क्या कहा?
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत केंद्र शासित प्रदेश और केंद्र के वरिष्ठ पुलिस, अर्धसैनिक और खुफिया एजेंसी के अधिकारी शामिल थे. शाह ने केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद विरोधी अभियानों की समीक्षा की और सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि वह निर्दोष लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाएं.
अमित शाह ने कहा, बेगुनाह को छेड़ना नहीं और गुनहगार को छोड़ना नहीं (निर्दोष को मत छुओ और दोषियों को जाने मत दो). उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी कि जम्मू-कश्मीर पूरी तरह से आतंकवाद मुक्त हो ताकि लोग शांति से रहें और सरकार की अलग-अलग विकास और कल्याणकारी कार्यक्रमों से लाभान्वित हों.
बैठक में शामिल होने वाले अधिकारियों की बात करें तो, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) आर.के. गोयल, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह, आरआर स्वैन, डीजी (सीआईडी), सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद रहे.
'टेरर इको-सिस्टम को पूरी तरह खत्म करना जरूरी'
केंद्रीय गृहमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों से कहा कि आम आदमी की भलाई के लिए आतंकवादी-अलगाववादी अभियान को बढ़ावा देने और बनाए रखने वाले तत्वों से युक्त टेरर इको-सिस्टम को पूरी तरह से समाप्त करने की आवश्यकता है.
बैठक में यूएपीए के तहत दर्ज मामलों की भी समीक्षा की गई और इस बात पर जोर दिया गया कि जांच समय पर और प्रभावी होनी चाहिए. इसके अलावा संबंधित एजेंसियों को गुणवत्ता जांच सुनिश्चित करने के लिए क्षमताओं में सुधार पर भी काम करना चाहिए.
सुरक्षा ग्रिड को और मजबूत किए जाने के दिए निर्देश
अमित शाह ने आतंकवादियों और अलगाववादियों का शून्य भय सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा ग्रिड को और मजबूत किए जाने के निर्देश दिये. उन्होंने सुरक्षा ग्रिड के कामकाज की समीक्षा की और पिछली बैठकों में सुरक्षा एजेंडा के विभिन्न मदों पर हुई प्रगति की समीक्षा की ताकि आतंकवाद की घटनाओं को कम किया जा सके और सिस्टम पर अलगाववादी नेटवर्क के प्रभाव का समाप्त किया जा सके.
केंद्रीय गृहमंत्री ने सुरक्षा बलों और पुलिस से आतंकवाद का सफाया करने के लिए कुशल और सुनियोजित आतंकवाद विरोधी अभियानों के माध्यम से समन्वित प्रयास जारी रखने का आह्वान किया. अमित शाह ने सुरक्षा बलों और पुलिस से कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समृद्ध और शांतिपूर्ण जम्मू-कश्मीर के स्वप्न को पूरा करने के लिए समन्वित आतंकवाद विरोधी अभियान को सक्रिय रूप से संचालित करें.
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