'कांग्रेसियों शर्म करो-शर्म करो'

कांग्रेस पार्टी की ओछी राजनीति को लेकर अब भाजापा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मोर्चा संभाल लिया है. राजस्थान के जोधपुर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेसियों को दहाड़ते हुए शर्म करने की सलाह दी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 3, 2020, 06:58 PM IST
    1. कांग्रेस की ओछी राजनीति पर अमित शाह की लताड़
    2. सावरकर पर कांग्रेस की गंदी राजनीति से हुई जगहंसाई
    3. शाह ने कहा- कांग्रेसियों शर्म करो-शर्म करो
    4. 'राहुल बाबा कानून पढ़ा है तो कहीं भी चर्चा के लिये आ जाओ'
'कांग्रेसियों शर्म करो-शर्म करो'

नई दिल्ली: वीर सावरकर पर छिड़े सियासी घमासान के बीच केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी कांग्रेस को लताड़ लगाई है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी ने वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है.

'कांग्रेसियों शर्म करो-शर्म करो'

अमित शाह ने कहा है कि 'वीर सावरकर जैसे इस देश के महान सपूत और बलिदानी का भी कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है. कांग्रेसियों शर्म करो-शर्म करो. वोटबैंक के लालच की भी हद होती है. वोटबैंक के लिए कांग्रेस ने वीर सावरकर जैसे महापुरुष का अपमान किया है.'

दरअसल, अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में एक रैली को संबोधित किया. इस रैली में अपने तीखे तेवरों से साफ कर दिया कि वो नागरिकता संशोधन कानून पर कांग्रेसी विरोध के चीथड़े कहीं भी उड़ाने को तैयार हैं. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की सावरकर पॉलिटिक्स की भी धज्जियां उड़ा दी.

नागरिकता कानून को लेकर शाह ने राहुल गांधी पर तीखा तंज कसा. उन्होंने कहा कि 'राहुल बाबा कानून पढ़ा है तो कहीं भी चर्चा के लिये आ जाओ. नहीं पढ़ा है तो मैं इटैलियन में अनुवाद करके भेज देता हूं. उसको पढ़ लीजिये.'

सावरकर के बारे में क्या सोचते हैं शाह?

हाल ही में अमित शाह पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे. जिस दौरान उन्होंने वीर सावरकर को लेकर अपने विचार दुनिया के सामने रखा था. उन्होंने उस वक्त कहा था कि 'वीर सावरकर न होते तो 1857 की क्रांति भी इतिहास न बनती, उसे भी हम अंग्रेजों की दृष्टि से ही देखते. वीर सावरकर ने ही 1857 की क्रांति को पहला स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया.'

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अमित शाह ने इसके साथ ही ये भी कहा था कि 'भारतीय इतिहास का भारतीय दृष्टिकोण से पुनर्लेखन जरूरी है.' अब जब कांग्रेस ने सावरकर को निशाना बनाकर फिर से ओछी राजनीति की है. जिसके बाद अमित शाह ने ललकारते हुए कांग्रेस को हद में रहने की हिदायत दे दी है.

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