सुप्रीम कोर्ट में शाहीन बाग पर अहम सुनवाई आज
तो क्या शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन का THE END हो जाएगा? ऐसा हम इस लिए पूछ रहे हैं क्योंकि 11 तारीख को चुनावी नतीजे आ जाएंगे और आज सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर अहम सुनवाई भी है.
नई दिल्ली: दिल्ली का चुनाव जिस शाहीन बाग के इर्द गिर्द घुमता रहा है उस पर अभी भी घमासान जारी है. चुनाव खत्म हो चुके है लेकिन शाहीन बाग की सड़क अभी भी बंद है. भाजपा की माने तो शाहीन बाग की साजिश का THE END चुनाव नतीजे आने के बाद खत्म हो जाएगा लेकिन शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी धरने से उठने को तैयार नहीं है.
चुनाव खत्म, अब खुलेगी शाहीन बाग की 'सड़क'?
दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई. 15 दिसंबर से शाहीन बाग में लोग जमे हैं. याचिका में लोगों को परेशानी का हवाला दिया गया है. आज शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के 'हथौड़े' से खुलेगा शाहीन बाग़ का 'रास्ता'?
शाहीन बाग की 'साज़िश' का THE END कब?
दिल्ली की लड़ाई खत्म हो चुकी है लेकिन शाहीन बाग पर घामासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी उठने को तैयार नहीं है उनके लिए ये सम्मान की लड़ाई है.
एग्जिट पोल की मानें तो शाहीन बाग पर बीजेपी की उम्मीदें धराशायी होती दिख रही हैं. लेकिन बीजेपी को लगता है की शाहीन बाग की साजिश का THE END 11 तारीख को हो जाएगा, वहीं आम आदमी पार्टी ने कहा है कि दिल्ली की जनता ने नफरत फैलाने वालों को जवाब दे दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के 'हथौड़े' से खुलेगा शाहीन बाग़ का 'रास्ता'?
नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को विरोध करते और धरना देते हुए करीब दो महीने हो चुके हैं. CAA और NRC पर केंद्र सरकार ने अपनी नीति स्पष्ट कर दी है लेकिन लगता नहीं कि शाहीन बाग सरकार की बात सुनने को तैयार है.
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शाहीन बाग में प्रदर्शन के खिलाफ डाली गई याचिका पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग की समस्या पर चिंता जताई थी और कहा था कि देखते हैं समस्या का समाधान कैसे निकल सकता है. शाहीन बाग में रास्ता बंद होने की वजह से आम लोगों से लेकर व्यापारियों तक को करोड़ों का नुकसान हो चुका है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के 'हथौड़े' से खुलेगा शाहीन बाग़ का 'रास्ता' या फिर प्रदर्शन के नाम पर शाहीन बाग़ में मनमानी जारी रहेगी?
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