नई दिल्ली.  भारत-चीन सीमा पर स्थिति वस्तुतः किस दिशा की तरफ बढ़ रही है, कहना मुश्किल है. भारत हर हाल में युद्ध नहीं चाहता और चीन के लिए युद्ध करना फायदेमंद किसी तरह नहीं है. किन्तु फिर भी भारत के साथ लगातार सैन्य स्तर की बातचीत के बावजूद चीनी सेना पीछे हटने को राजी नहीं दिख रही है. अब चीनी सेना ने LAC  पर नया निर्माण भी शुरू कर दिया है जिसको लेकर भारत सरकार ने उसे दो टूक चेतावनी दी है.   


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भारतीय पक्ष के तौर पर दी चीन को चेतावनी 


पूर्वी लद्दाख स्थित भारत-चीन सीमा पर चीनी सेना के नए निर्माण की गतिविधियों का भारत ने विरोध किया है. भारत ने उसे अपनी ये गतिविधियां तुरंत बंद करने की नसीहत दी है. इसके साथ ही भारत ने साफतौर पर ये चेतावनी भी जारी की है कि अगर दोनों देशों के बीच सीमा पर बलपूर्वक यथास्थिति बदलने की कोशिश की गई तो इससे न केवल क्षेत्रीय शांति पर असर पड़ेगा अपितु भारत-चीन के द्विपक्षीय संबंधों पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव असर पड़ेगा.


''दुष्परिणाम चीन को झेलने होंगे''


भारत ने अपनी चेतावनी से स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह की किसी भी अवांछनीय गतिविधि की भारत की तरफ से प्रतिक्रिया होगी और उसके दुष्परिणाम भी चीन को झेलने होंगे. चीन को ये बात कही है चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने. उन्होंने शुक्रवार 26 जून को चीन सरकार के लिए स्पष्ट संदेश में कहा है कि जब तक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन का नया निर्माण कार्य नहीं रुकेगा, दोनों देशों के बीच शान्ति बहाली नहीं हो सकती. 


भारत चीन को मनमानी नहीं करने देगा 


चीन को भी अब समझ आ रहा है कि भारत चीन की मनमानी नहीं चलने देगा इसलिए बीच बीच में वो अपने सैनिकों के पीछे हटने की बात कहने लगा है. भारत चीन को लेकर सीमा पर गंभीर है. रक्षामंत्री और प्रधानमंत्री की मीटिंग्स के बाद हाल ही में दिल्ली में सेना प्रमुख जनरल नरवने ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करके उनको पूर्वी लद्दाख में समग्र स्थिति और भारतीय सैन्य तैयारियों की जानकारी दी है. 


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