देश को मिला पहला बड़ा सर्वेक्षण पोत 'संध्याक', इस तरह नौसेना को देगा मजबूती

सर्वेक्षण पोत के जलावतरण के अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि हम हर क्षेत्र में अपने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं. कभी '62' था और अब हम वर्तमान युग में हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 6, 2021, 07:06 AM IST
  • कोलकाता में हुए कार्यक्रम में संध्याक का हुआ जलावतरण
  • जून 2021 में हटा दिए गए संध्याक से बड़ा है यह जहाज
देश को मिला पहला बड़ा सर्वेक्षण पोत 'संध्याक', इस तरह नौसेना को देगा मजबूती

कोलकाता: केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट की मौजूदगी में रविवार को कोलकाता में डिफेंस पीएसयू गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) लिमिटेड की ओर से निर्मित स्वदेशी हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पोत जलावतरण हुआ. 

जीआरएसई सूत्रों ने कहा कि ये सर्वेक्षण पोत बंदरगाहों और हार्बर पहुंच के तटीय तथा गहरे पानी के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण और नौवहन चैनलों एवं मार्गों के निर्धारण में सक्षम हैं. इसके अलावा, ये पोत समुद्री सीमाओं का सर्वेक्षण कर सकते हैं और रक्षा अनुप्रयोगों के लिए समुद्र संबंधी और भौगोलिक डेटा का संग्रह कर सकते हैं. 

देश का हर कोना है सुरक्षित
इस दौरान अजय भट्ट ने कहा कि भारत 1962 से काफी आगे निकल चुका है, जब उसने चीन के साथ युद्ध किया था. आज देश हर क्षेत्र में अपने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है. भट्ट ने कहा कि देश का हर कोना जल, थल और वायु में प्रभावी ढंग से सुरक्षित है. 

हाल में चीनी सेना के साथ कई बार हुआ है आमना-सामना
उन्होंने किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा, ‘हम हर क्षेत्र में अपने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं. कभी '62' था और अब हम वर्तमान युग में हैं.’ 1962 के चीन-भारत युद्ध में असफलता का सामना करने वाली भारतीय सेना ने हाल के वर्षों में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के साथ कई मौकों पर आमना-सामना किया है. 

39 युद्धपोत का हो रहा निर्माण
मंत्री ने कार्यक्रम में कहा, "देश भर के विभिन्न शिपयार्ड में, भारतीय नौसेना के लिए 39 युद्धपोत और पनडुब्बियां निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं." उन्होंने कहा कि हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पोत भारतीय नौसेना के लिए सर्वेक्षण पोत (बड़े) परियोजना के तहत जीआरएसई की ओर से बनाए जा रहे चार जहाजों में से पहला है. 

आधुनिक उपकरणों से लैस है नया जहाज
उन्होंने समुद्री परम्पराओं के अनुसार अपनी पत्नी पुष्पा भट्ट द्वारा जलावतरण के बाद कहा, "नौसेना के सबसे पुराने हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पोत के नाम पर इसका नाम भी 'संध्याक' रखा गया है, जिसे 40 साल तक देश की सेवा करने के बाद इस साल जून में सेवा से हटा दिया गया था. नया जहाज बहुत बड़ा है और आधुनिक उपकरणों से लैस है." 

उन्होंने कहा कि पुराने संध्याक को भी जीआरएसई ने ही बनवाया था. अत्याधुनिक नया पोत पहले वाले जहाज से 60 प्रतिशत बड़ा है, जिसे 1981 में सेवा में शामिल किया गया था. जीआरएसई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, रियर एडमिरल वी. के. सक्सेना (सेवानिवृत्त) ने कहा कि नया संध्याक 1,900 टन के पहले जहाज की तुलना में 3,400 टन का जहाज है.

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