कांग्रेस में छिड़ गया `गृह युद्ध`, सिंघवी ने कर दिया मोदी सरकार का `समर्थन`
कांग्रेस पार्टी के भीतर जंग का माहौल बनता जा रहा है. दो बड़े नेताओं की अलग-अलग सोच सामने आ चुकी है. कांग्रेस के बड़े नेता शशि थरूर ने एक मुद्दे को लेकर जहां आवाज उठाई, तो उनका विरोध करते हुए कांग्रेसी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार के इस फैसले का खुलकर समर्थन कर दिया है.
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पार्टी हित से ऊपर उठते हुए मोदी सरकार के उस फैसले का समर्थन किया है. जिसमें सरकार ने ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स को दिल्ली एयरपोर्ट वापस भेज दिया था. अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि संप्रभुता पर हमले की कोशिश नाकाम करना जरूरी है. हालांकि उन्हीं के पार्टी के नेता शशि थरूर इस कदम को असहिष्णुता बता चुके हैं.
ब्रिटिश सांसद पर कांग्रेस में दो फाड़
ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम को भारत में एंट्री से रोके जाने पर कांग्रेस के भीतर ही अलग-अलग राय बन गई है. मोदी सरकार के हर फैसले पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस के 2 नेताओं के सुर एक-दूसरे से इतने जुदा है कि समझ में नहीं आ रहा कि कांग्रेस पार्टी का वास्तविक स्टैंड क्या है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए आज एक ट्वीट किया.
इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि "भारत की ओर से डेबी अब्राहम्स को वापस भेजना जरूरी था. वो सिर्फ एक ब्रिटिश सांसद नहीं थीं, बल्कि वो उस पाकिस्तान की हिमायती थीं जो वहां की सरकार, ISI के लिए काम करने के लिए जानी जाती हैं. भारत की संप्रभुता पर हमला करने की कोशिश को नाकाम करना जरूरी है.
अभिषेक मनु सिंघवी का ये बयान, पार्टी के सांसद शशि थरूर से बिल्कुल उलट है. शशि थरूर ने कल डेबी अब्राहम्स को वापस भेजे जाने पर सवाल उठाया है. थरूर के मुताबिक ऐसे लोगों को भारत में प्रवेश न देने से भारत को एक संकीर्ण दिमाग और असहिष्णु वाला देश समझा जाएगा जोकि सही नहीं है.
जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के फैसले पर सवाल उठाने वाली ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स को दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद भारत में प्रवेश नहीं करने दिया गया था. गृह मंत्रालय के मुताबिक उन्हें पहले ही ई-वीजा रद्द होने की सूचना भी दे दी गई थी. लेबर पार्टी की सांसद डेबी अब्राहम ने न सिर्फ भारत सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई थी. बल्कि उन्होंने ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश मंत्री डोमनिक राब को चिट्ठी लिखकर चिंता जाहिर की थी. वहीं भारत का रुख एकदम साफ है कि जम्मू-कश्मीर से 370 हटाना, आंतरिक मामला है.
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