नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में हुए कंचंनजंघा एक्सप्रेस एक्सिडेंट के बाद कांग्रेस ने रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग तेज कर दी है. कांग्रेस ने कहा है कि वैष्णव को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. विपक्षी दल ने मोटरसाइकिल पर पीछे बैठकर दुर्घटना स्थल पर पहुंचने के लिए वैष्णव पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि वह रेल मंत्री हैं या रील मंत्री?


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केंद्र सरकार पर लगाए आरोप
इस दुर्घटना पर केंद्र सरकार को घेरते हुए  कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा की गई ‘आपराधिक लापरवाही’ ने ‘रेलवे को बर्बाद’ कर दिया है. इस संदर्भ में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब भी कोई रेल दुर्घटना होती है, मोदी सरकार के रेल मंत्री कैमरों की चकाचौंध में घटनास्थल पर पहुंचते हैं और ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे सब कुछ ठीक है.


खड़गे ने पूछे कई सवाल
खड़गे ने सवाल किया-नरेंद्र मोदी जी, हमें बताएं कि किसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, रेल मंत्री को या आपको?. बता दें कि खड़गे ने सरकार से सात सवाल पूछे और जवाब मांगे. उन्होंने पूछा कि बालासोर जैसी बड़ी दुर्घटना के बाद, बहुचर्चित कवच ट्रेन टक्कर रोधी प्रणाली का दायरा एक किलोमीटर भी क्यों नहीं बढ़ाया गया? कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा-रेलवे में करीब तीन लाख पद खाली क्यों हैं, पिछले 10 सालों में उन्हें क्यों नहीं भरा गया? एनसीआरबी (2022) की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से 2021 के बीच ही रेल दुर्घटनाओं में 1,00,000 लोगों की मौत हुई है! इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?


खड़गे ने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार ने किसी भी तरह की जवाबदेही से बचने के लिए 2017-18 में रेल बजट को आम बजट में मिला दिया था. उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा-आत्म-प्रशंसा से मोदी सरकार द्वारा भारतीय रेलवे पर की गई आपराधिक लापरवाही को कम नहीं किया जा सकेगा, शीर्ष स्तर पर जवाबदेही तय करने की जरूरत है.


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