हैदराबाद. तेलंगाना की केसीआर सरकार ने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश किया है। इस रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक तेंलगाना जीडीपी के मामले में देश में तीसरे नंबर पर है तो प्रति व्यक्ति आय के मामले में नंबर -1 पर. दावा किया गया है कि मुफ्त बिजली देने के मामले में तेलंगाना पहला राज्य बन गया है. इसी तरह पेयजल, सिंचाई, पेंशन के मामले में रिपोर्ट कार्ड में दर्ज आंकड़े स्वर्णिम तेलंगाना की तस्वीर बनाते हैं. केसीआर ने कहा,  'तेलंगाना के अलग राज्य बनने का आंदोलन पानी, बिजली और नौकरी की मांग पर शुरू हुआ था. हमने जनता को वह सब दिया जिसका वादा था। अब हम जनता से 5 साल और मांग रहे हैं ताकि विकास की रफ्तार को और बढ़ा सकें.' 


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हालांकि रिपोर्ट कार्ड के आंकड़ों में सरकारी नौकरी के मामले में सरकार वादा पूरा नहीं कर पाई लेकिन इस कमी को आईआईटी सेक्टर के आंकड़ों से पूरा करने की कोशिश की है। आंकड़ों के मुताबिक आईआईट सेक्टर में तेलंगाना, बेंग्लुरू से आगे निकल गया है. 


कुल मिलाकर अलग तेलंगाना राज्य हासिल करने और पहली सरकार बनाने के लगभग एक दशक बाद, के. चंद्रशेखर राव का दावा है कि उन्होंने वह हासिल किया है जो स्वतंत्र भारत में कोई भी राज्य नहीं कर सका. 


देश का पहला राज्य जिसने मुफ्त बिजली बांटी 
राज्य सभी क्षेत्रों को 24 घंटे बिजली और कृषि के लिए पूरी तरह से मुफ्त बिजली बांट रहा है. प्रति व्यक्ति बिजली खपत में भी तेलंगाना नंबर 1 पर है.
जब बीआरएस ने पहली सरकार बनाई, तो राज्य बिजली की कमी से जूझ रहा था. पहले साल इस समस्या पर काबू पाने में सफलता मिली. राज्य में स्थापित विद्युत क्षमता 7,000 मेगावाट से बढ़कर 24,000 मेगावाट की गई.


सिंचाई के लिए सबसे बड़ी योजना चलाई
सिंचाई पर ध्यान देने से तेलंगाना भारत का अन्न भंडार बन गया. धान उत्पादन में राज्य ने पंजाब और हरियाणा को पीछे छोड़ दिया है. बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने बताया कि 2014 में धान का उत्पादन लगभग 70 लाख टन था, लेकिन अब यह 3.5 करोड़ टन हो गया है.


गोदावरी नदी पर दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट सिंचाई परियोजना कालेश्वरम का निर्माण हुआ, जिससे सिंचाई के तहत क्षेत्र में वृद्धि हुई.


पिछले महीने, केसीआर ने एक और महत्वाकांक्षी पलामुरु रंगारेड्डी लिफ्ट सिंचाई की नींव रखी, जो दुनिया के सबसे शक्तिशाली पंप हाउसों का उपयोग करेगी.


विकेंद्रीकरण से हुआ विकास
कल्याण और विकास को संतुलित करते हुए, इसने 10 जिलों को 33 जिलों में विभाजित कर सत्ता के विकेंद्रीकरण पर भी काम किया. बीआरएस नेताओं का कहना है कि अपने राज्य के निर्माण के साथ, राजस्व अब पूरी तरह से राज्य के विकास के लिए खर्च किया जा रहा है.


जीडीपी में तीसरे नंबर पर तेंलगाना 
जीडीपी के मामले में तेलंगाना देश  में तीसरे नंबर पर है. 2014-15 में जीडीपी 5 लाख करोड़  था, 2022 -23 में बढ़कर 12.93 लाख करोड़ हो गया. 2015-16 से 2021-22 तक 12.6 प्रतिशत की औसत वार्षिक जीएसडीपी वृद्धि दर के साथ तेलंगाना देश में तीसरे स्थान पर है. जीडीपी में तेलंगाना की हिस्सेदारी 2014-15 में 4.1 प्रतिशत से बढ़कर 2020-21 में 4.9 प्रतिशत हो गई. 


प्रति व्यक्ति आय में भी निकला आगे
तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय 2013-14 में 1,12,162 रु. से बढ़कर 2022-23 में 3,17,115 रु. होने का अनुमान है. वित्त मंत्री टी. हर्ष राव ने 2023-24 के लिए राज्य का बजट पेश करते हुए अपने बजट भाषण में कहा था, राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय की तुलना में तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय 1,46,495 रु. अधिक है. यह स्पष्ट रूप से तेलंगाना के महत्वपूर्ण विकास का संकेत है.'


नौकरियों में पिछड़ा तेलंगाना 
नौकरियां देने के मामले में तेलंगाना पिछड़ गया. सरकारी क्षेत्र में वेकेंसीज को भरने के वादे को पूरा नहीं करने के कारण विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा है. हालांकि बीआरएस का दावा है कि पिछले 9 वर्षों के दौरान उनके प्रयासों से निजी क्षेत्र में लाखों नौकरियां पैदा हुईं.


2014 में आईटी क्षेत्र में कर्मचारियों की संख्या केवल 3.23 लाख थी और अब 2022 में 9 लाख से अधिक हो गई है. इसी अवधि के दौरान आईटी निर्यात 57,258 करोड़ रु. से बढ़कर 2.41 लाख करोड़ रु. हो गया है. उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के.टी. रामा राव ने दावा किया कि पिछले दो सालों में, हैदराबाद ने भारत में आईआईटी रोजगार पैदा करने के मामले में बेंगलुरु को भी पीछे छोड़ दिया.


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