कोरोना: केजरीवाल बोले, दिल्ली में सुधर रहे हालात, अनुमान से कम हैं संक्रमित मरीज

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना संक्रमण से वर्तमान स्थिति पर प्रेस कांफ्रेंस की है और उन्होंने दिल्ली में हालात सुधरने की बात कही है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 15, 2020, 02:31 PM IST
    • दिल्ली में तेजी से सुधर रहे हालात- अरविंद केजरीवाल
    • दिल्ली में अनुमान से कम हैं संक्रमित मरीज
कोरोना: केजरीवाल बोले, दिल्ली में सुधर रहे हालात, अनुमान से कम हैं संक्रमित मरीज

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली कोरोना वायरस एक समय बहुत वीभत्स रूप ले रहा था लेकिन पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार और गृहमंत्री अमित शाह के कुशल निर्देशन में दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना पर काबू पाने में सफलता हासिल की है. गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने ऐसे निर्णय लिए जिससे कोरोना संक्रमण को थामने में मदद मिली.

दिल्ली में तेजी से सुधर रहे हालात- अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के हालात में सुधार हुआ है. अस्पतालों की हालत सुधरी है. कोविड-19 के केस अनुमान से कम हैं. सभी के सहयोग से कोरोना से मुकाबला संभव हुआ है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हमें आत्मसंतुष्ट नहीं होना है और तैयारियां जारी रखेंगे. केंद्र सरकार ने हमारी मदद की और दिल्ली में सबसे पहले एंटीजन टेस्ट हुए.

दिल्ली में अनुमान से कम हैं संक्रमित मरीज

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार काजो फॉर्मूला था, आज 15 जुलाई तक दिल्ली में कोरोना के सवा दो लाख केस होने चाहिए थे लेकिन हकीकत में आज उसके आधे मामले हैं. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि 31 जुलाई तक दिल्ली में करीब साढ़े पांच लाख केस होंगे लेकिन ये बयान उनका गलत साबित हुआ. केजरीवाल ने कहा कि आज दिल्ली में 1 लाख 15 हजार केस हैं. ये दिल्ली की जनता, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की सजगता से संभव हुआ. आज स्थिति काफी नियंत्रण में है लेकिन कोरोना कभी भी बढ़ सकता है और हमें लगातार तैयारी और संघर्ष जारी रखनी है.

दिल्ली में मरीजों की मौत के मामले पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में प्लाज्मा थेरेपी पहली बार शुरू की गई. प्लाज्मा सबकी जान तो नहीं बचाता पर कई लोगों की जान बचता है. दिल्ली में मौत के आंकड़े काफी काम हो गए हैं. पहले 100 से अधिक मौतें होती थीं और आज 30 -35 मौतें हो रही हैं.

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