नई दिल्ली. देश के पूर्व डिप्टी पीएम और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि राम जन्मभूमि आंदोलन का प्राथमिक उद्देश्य अयोध्या में श्री राममंदिर का पुनर्निर्माण था और यह स्यूडो सेकुलरिजम के हमले के कारण (धूमिल हुए) धर्मनिरपेक्षता के वास्तविक अर्थ को पुन:स्थापित करने का प्रतीक भी बन गया. आडवानी के दफ्तर द्वारा 'श्रीराम मंदिर: एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति' नाम से लिखे लेख में यह बात कही गई है.
लेख में आडवाणी ने कहा-एक ओर, आंदोलन को व्यापक जन समर्थन प्राप्त था, वहीं, अधिकांश राजनीतिक दल इस आंदोलन का समर्थन करने से इसलिए कतरा रहे थे, क्योंकि उन्हें मुस्लिम वोट खोने का डर था। वे वोट-बैंक की राजनीति के लालच में आ गए और उसे धर्मनिरपेक्षता के नाम पर उचित ठहराने लगे. इस प्रकार, अयोध्या मुद्दा, जिसका प्राथमिक उद्देश्य श्री रामजन्मभूमि मंदिर का पुनर्निर्माण था, छद्य धर्मनिरपेक्षता के हमले के कारण (धूमिल हुए) धर्मनिरपेक्षता के वास्तविक अर्थ को पुन:स्थापित करने का प्रतीक भी बन गया.
अयोध्या में 22 जनवरी को रामललला की प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में कहा है-पूरे देश का वातावरण सचमुच राममय हो गया है. यह संतुष्टि का क्षण है. वह धन्य हैं कि वह अपने जीवनकाल में इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे. जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में श्रीरामलला के विग्रह की 'प्राण प्रतिष्ठा’ करेंगे, तो वह ‘हमारे महान् भारतवर्ष के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे.
बीजेपी और संघ के योगदान का किया जिक्र
आडवानी ने लिखा है-एक तरफ जहां लंबी कानूनी लड़ाई चल रही थी, वहीं दूसरी तरफ, न केवल वह, बल्कि बीजेपी और संघ परिवार का प्रत्येक कार्यकर्ता भारतीयों की आत्मा को जागृत करने के कार्य में जुटा रहा ताकि रामलला को अपने वास्तविक निवासस्थान पर विराजमान करने का सपना साकार हो सके. अब जब भव्य श्रीराम मंदिर अपने निर्माण के अंतिम चरण में है, तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार, सभी संगठनों, विशेष रूप से विश्व हिंदू परिषद् और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी, अनगिनत रथ यात्रा के सहयोगियों, संतों, नेताओं, कारसेवकों और भारत तथा दुनिया के सभी लोगों के प्रति गहरी कृतज्ञता की भावना से भर गए हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद
आडवानी ने अपने लेख में देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया है. उन्होंने लिखा-आज मुझे दो व्यक्तियों की बहुत याद आ रही है. पहले व्यक्ति हैं स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, जो मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं, राजनीतिक और व्यक्तिगत. दूसरी हैं मेरी दिवंगत पत्नी कमला, जो मेरे जीवन के लिए स्थिरता का मुख्य आधार रहीं और न केवल श्रीराम रथ यात्रा के दौरान, बल्कि मेरे लंबे समय के सामाजिक और राजनीतिक जीवन में अद्वितीय शक्ति का स्रोत बनी रहीं.
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