पटनाः हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के बाद अब चुनावी बयार राजधानी दिल्ली और बिहार में बहार ला रही है. दोनों ही राज्यों में चुनावी उठापटक की जमीन सजने लगी है. बल्कि दिल्ली में नूरा कुश्ती का दौर तो शुरू ही है, बिहार में भी बात-बयान के सिलसिले का उद्घाटन हो चुका है. इसकी शुरुआत की है आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने. अपने बेबाक अंदाज और ठेठ बोली वाली शैली के लिए पहचाने जाने वाले लालू प्रसाद यादव ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. उन्होंने 2020 में सीएम नीतीश को सत्ता से हटाने के लिए अपील की है.
क्या कहा पूर्व सीएम ने
बिहार के पूर्व सीएम ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तो बकायदा नारा भी गढ़ लिया और शनिवार को उसका ऐलान भी किया है. उन्होंने जदयू-भाजपा सरकार पर करारा हमला बोला. चारा घोटाला मामले में रांची की एक जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार में शासन को जीरो नंबर दिया है. इस दौरान उन्होंने नीति आयोग की एक हालिया रिपोर्ट का भी जिक्र किया.
दो हज़ार बीस
हटाओ नीतीश— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 4, 2020
"दो हजार बीस, हटाओ नीतीश"
आरजेडी और जेडीयू के बीच पोस्टरों के जरिए हुई हालिया जुबानी जंग के बाद लालू ने ट्वीट किया, "दो हज़ार बीस, हटाओ नीतीश." दरअसल राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. नीति आयोग की ओर से पिछले साल 30 दिसंबर को जारी सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक रिपोर्ट में राज्य सरकार की ‘बड़ी नाकामी’ को लेकर लालू ने उसकी आलोचना की है.
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बिहार को बताया सबसे खराब प्रदर्शन वाला राज्य
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि नीति आयोग और केंद्र सरकार ने नीतीश के कुशासन को पूरे देश मे फिसड्डी साबित करते हुए जीरो दिया है. लालू प्रसाद ने अपने ही अंदाज में कहा, तनिक उनसे भी चेक कर लो अपने 15 साल का हिसाब. करिएगा या सिर्फ पोस्टर में ही फड़फड़ाइयेगा? उन्होंने कहा, जब पंख न हो तो उड़ने की ज़िद नहीं करते, बेकार गिर पड़ घायल हो जाएंगे, क्या फायदा.
नीति आयोग और केंद्र सरकार ने नीतीश के कुशासन को पूरे देश मे फिसड्डी साबित करते हुए ज़ीरो बट्टा अंडा दिया है।
तनिक उनसे भी चेक कर लो अपने 15 साल का हिसाब। करिएगा या ख़ाली पोस्टर मे ही फड़फड़ाइयेगा?
जब पंख ना हो तो उड़ने की ज़िद नहीं करते
बेकार गिर पड़ घायल हो जाएँगे,क्या फ़ायदा pic.twitter.com/KBEAUje0q5— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 4, 2020
इस सूचकांक में केरल पहले स्थान पर है जबकि बिहार को सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला राज्य बताया गया है. यह सूचकांक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मानदंडों पर आकलन करता है.
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