भोपाल. मध्य प्रदेश में नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव है लेकिन राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस दोनों ही बागियों से परेशान हैं. दरअसल दोनों ही दलों के कई नेताओं ने निर्दलीय अथवा छोटे दलों की ओर से बतौर उम्मीदवार नामांकन दाखिल किए हैं. राज्य में 30 अक्टूबर को नामांकन भरने की आखिरी तारीख समाप्त हो गई.
कुल 3,832 नेताओं ने चुनाव में नामांकन किया है. इसमें बड़ी संख्या में कांग्रेस और बीजेपी के ऐसे असंतुष्ट नेता भी शामिल हैं जो टिकट न मिलने के चलते बागी हो गए हैं और उन्होंने नामांकन भी दाखिल कर दिया है. अब बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही चिंता सता रही है.
बीजेपी में जारी मान-मनौव्वल
नामांकन वापसी की तारीख 2 नवंबर है. अब दोनों ही बड़ी पार्टियां बागियों से संपर्क कर रही हैं और उन्हें मनाने के प्रयास में हैं. एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी की ओर से तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कई ऐसे नेताओं से दूरभाष पर बातचीत की है जो नाराज होकर नामांकन भर चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक कई नेताओं ने दो नवंबर को नामांकन वापस लेने का भरोसा दिलाया है लेकिन कई नेता अब भी चुनाव लड़ने की बात पर अड़े हैं. मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित कई नेताओं को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि वह असंतुष्टों को मनाएं. साथ ही भरोसा भी दें कि सरकार बनते ही उन्हें महत्व दिया जाएगा.
क्या है कांग्रेस के हालात
दूसरी तरफ है राज्य में विपक्षी कांग्रेस पार्टी. कांग्रेस भी बागियों से परेशान है. यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ऐसे नाराज और असंतुष्टों से बातचीत कर रहे हैं जो नामांकन भर चुके हैं. नाराज लोगों को मनाने के लिए जहां संगठन में जिम्मेदारी सौंपी जा रही है तो दूसरी ओर कई नेताओं को आश्वासन दिया जा रहा है कि उनके सम्मान का पार्टी ख्याल रखेगी.
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