महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन सिर्फ ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है! बीजेपी के एक तीर से 5 निशाना

इसमें कोई दो राय नहीं कि महाराष्ट्र की सियासत में अबतक जो कुछ भी हुआ उसने हर किसी को चौंकाया है. अगर हम ऐसा कहें कि महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन सिर्फ ट्रेलर है, पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है. जी हां, बीजेपी ने अभी सिर्फ एक बाजी चली है, पूरा खेल तो किसी के सामने ही नहीं आया. यहां बीजेपी ने एक तीर से 5 निशाने साधने की कोशिश की है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 1, 2022, 11:21 AM IST
  • बीजेपी ने साधे एक तीर से 5 निशाने
  • महाराष्ट्र की पूरी पिक्चर अभी बाकी है!
महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन सिर्फ ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है! बीजेपी के एक तीर से 5 निशाना

नई दिल्ली: ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि उद्धव ठाकरे की सत्ता से रवानगी के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नए चाणक्य साबित हुए देवेंद्र फडणवीस को तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलने वाली है, लेकिन एक झटके में सबकुछ पलट गया. शिवसेना में रहकर बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे का राजतिलक हुआ. तो क्या ये सिर्फ ट्रेलर है, महाराष्ट्र की पूरी पिक्चर अभी बाकी है?

बीजेपी के एक तीर से 5 निशाना

भले ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर शिंदे बैठे हों, लेकिन असली विनर बीजेपी को ही कहा जाएगा, लेकिन उसने एक तीर से कई निशाने साधे हैं. आपको एक-एक कर पूरा माजरा समझाते हैं, कि इस ट्रेलर का पिक्चर कैसा होने वाला है?

पहला निशाना
उद्धव की शिवसेना को खत्म करना

एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने से कहीं ना कहीं उद्धव को सबक सिखाने की कोशिश की गई, क्योंकि बीजेपी उस घात को भूली नहीं थी, जब उद्धव ने अघाड़ी के बैनर तले सरकार बनाई थी. 

साल-दर साल शिवसेना सिमटती गई और बीजेपी उतनी ही तेजी से आगे बढ़ती गई. महाराष्ट्र में शिवसेना को खत्म किए बिना बीजेपी आगे नहीं बढ़ सकती, लेकिन शिवसेना खत्म हो जाए और उसका आरोप बीजेपी के सिर पर न आए, इसलिए शिंदे को सीएम बनाया गया.

दूसरा निशाना
'शिवसेना की सरकार' का संदेश

एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने से शिवसैनिकों को ये संदेश गया कि ये शिवसेना की ही सरकार है. इससे सड़क पर शिवसैनिक को उतरने और शिंदे का विरोध करने में परेशानी होगी.

यही नहीं इस कदम के जरिए ये भी साबित करने की कोशिश की गई कि उद्धव और ठाकरे परिवार की शिवसेना असली नहीं बल्कि शिंदे की सेना ही असली शिव सेना है.

तीसरा निशाना
ठाकरे विरासत को समेटना

बीजेपी ठाकरे की विरासत वाली शिवसेना को समेटना तो चाहती है, लेकिन वो ये भी नहीं चाहती थी कि महाराष्ट्र की जनता के सामने यह ठीकरा उसके सिर फूटे. यही वजह है कि इस बगावत में सबसे अहम किरदार निभाने के बावजूद बीजेपी खुद सामने नहीं आई.

उधर, शिंदे बार-बार खुद को असली शिवसेना बताते रहे. और आखिरकार बीजेपी ने शिवसैनिक शिंदे को सीएम बनाकर सबसे बड़ा दांव खेल दिया.

चौथा निशाना
शिवसेना से BMC की ताकत छीनना

एकनाथ शिंदे को CM बनाने के बीजेपी के दांव की एक और वजह एशिया के सबसे अमीर नगर निगम बृहनमुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन यानी BMC पर कब्जे की लड़ाई है. बीजेपी का मुख्य एजेंडा शिवसेना से BMC को छीनना है. पिछले 37 साल से BMC पर शिवसेना की मजबूत पकड़ है.

इस साल सितंबर में BMC के चुनाव होने हैं और इनमें BJP की नजरें शिवसेना के वोट बैंक को कमजोर करने की है. शिंदे को सीएम बनाने से उद्धव ठाकरे की शिवसेना कमजोर होगी और इसका फायदा बीजेपी को BMC चुनावों में हो सकता है.

पांचवां निशाना
मराठाओं में दखल बढ़ाने की रणनीति

बाल ठाकरे ने अपनी राजनीति की शुरुआत मराठी मानुष से की थी. यानी मराठा अस्मिता उनकी राजनीति का कोर रही है. बीजेपी राष्ट्रीय पार्टी होने की वजह से मराठी अस्मिता की राजनीति नहीं कर सकती है.

इससे बाकी हिंदी भाषी बेल्ट में उस पर बुरा असर पड़ेगा. बीजेपी को ऐसे में हिंदुत्व के अलावा एक और फैक्टर की जरूरत थी. उसकी भरपाई के लिए भाजपा ने शिंदे पर दांव खेला है. शिंदे मराठा हैं और इसका फायदा बीजेपी को जरूर मिल सकता है.

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