नई दिल्ली: भारत ने चीन को गलवान घाटी में हर तरीके से पराजित कर दिया. पहले हिंदुस्तान के शूरवीरों ने चीन के अहंकार की गर्दन गलवान घाटी में मरोड़ दी और बाद में मोदी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन को अकेला कर दिया. लद्दाख में भारतीय सेना चीन को कड़ा सबक सिखा रही है. आज केंद्र सरकार ने लद्दाख में इंफ्रास्ट्रक्चर के काम को और अधिक तेज करने का फैसला किया है ताकि चीन को उसकी हद समझाई जा सके.
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54 मोबाइल टॉवर लगाने को मंजूरी
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने लद्दाख में LAC के इलाके में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर जोर दिया है. लद्दाख में 54 मोबाइल टावर लगाने का काम शुरू हो गया है. LAC के नजदीक डेमचोक में भी मोबाइल टावर लगेगा. नुब्रा में 7, लेह में 17, जंसकार में 11 और कारगिल में 19 मोबाइल टावर लगाए जाएंगे. भारत ने लद्दाख में शक्तिशाली टी-90 भीष्म टैंक को तैनात किया है. यानी लद्दाख में भारतीय सेना ने अपने सबसे मजबूत हथियार से चीन को चुनौती दी है. इससे चीन में खलबली मच गई है.
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इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर चीन में बौखलाहट
चीन की मुख्य बौखलाहट इस वजह से है कि भारत सरकार ने अपनी सीमा में चीन के सामने ही सेना के लिए सड़क निर्माण शुरू कर दिया ताकि उस क्षेत्र में विकास की प्रक्रियाएं तेज हो सके और सेना को भी इसका लाभ मिले. इससे चीन बौखला गया था.
आपको बता दें कि लद्दाख के डेमचोक और स्पांगुर गैप इलाके में रेतीली जमीन और सपाट मैदान हैं. इन दोनों इलाके में भीष्म टैंक अपनी पूरी रफ्तार से आगे बढ़ सकते हैं. इससे चीन में डर व्याप्त हो गया है. डेमचोक और स्पांगुर गैप से चीन का महत्वपूर्ण G219 हाई वे लगभग 50 किलोमीटर दूर है और अगर यहां लड़ाई हुई तो भारतीय टैंक चीन के इस हाईवे को आसानी से निशाना बना पाएंगे.