नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को धन शोधन मामले में जेल में बंद आप के मंत्री सत्येंद्र जैन समेत तीन आरोपियों की कथित भूमिका को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से स्पष्ट करने को कहा. तीनों आरोपियों ने इस मामले में जमानत देने का अनुरोध किया है.


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सत्येंद्र जैन को लेकर ईडी से कोर्ट ने पूछे सवाल
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा आरोपियों की जमानत याचिकाओं से जुड़ी दलीलों पर सुनवाई कर रहे थे. न्यायाधीश ने ईडी के वकील से कहा, 'इन तीन व्यक्तियों की क्या भूमिका तय की गई? आप आज शाम तक इसे दोबारा दाखिल करें.'


सह आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन ने निचली अदालत के 17 नवंबर, 2022 के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने दावा किया कि वैभव और अंकुश ने जानबूझकर धन शोधन में सत्येंद्र जैन की मदद की.


बचाव पक्ष के वकील ने अदालत में क्या कहा?
वैभव और अंकुश के वकील ने कहा कि जांच अवधि के भीतर अपराध से कोई आय उत्पन्न नहीं हुई, इसलिए धन शोधन का अपराध नहीं हुआ.


सुनवाई के दौरान अदालत ने ईडी के वकील से पूछा कि क्या आय से अधिक संपत्ति उस समय बनाई गई जब पैसा हवाला ऑपरेटरों को आवास प्रविष्टियों के रूप में दिया गया या जब यह कंपनी में वापस आया. इस पर ईडी के वकील ने कहा कि जब आरोपी हवाला कारोबारियों को पैसे देता है, तो वहां धन शोधन का मामला शुरू हो जाता है.


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