PFI की रैली के पोस्टर पर टीएमसी सांसद का नाम, बोले-मेरा कोई संबंध नहीं

पीएफआई की ओर से कहा गया है कि वह पं. बंगाल के मुर्शिदाबाद में नागरिकता कानून के खिलाफ एक रैली का आयोजन कर रहे हैं. उनका कहना है कि सांसद अबू ताहिर खान भी इस प्रदर्शन का हिस्सा होंगे. वहीं, इस पोस्टर और रैली में हिस्सा लेने की बात से इनकार करते हुए अबू ताहिर खान ने कहा, 'मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 2, 2020, 03:31 PM IST
PFI की रैली के पोस्टर पर टीएमसी सांसद का नाम, बोले-मेरा कोई संबंध नहीं

कोलकाताः नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए प्रदर्शनों हिंसक हो गए थे. जांच-पड़ताल में इस तरह की हिंसा में पीएफआई का नाम सामने आया था. इधर उत्तर प्रदेश में इस हिंसा के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे 
कट्टरपंथी संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर बैन लगाने की तैयारी जारी है. अब इस संगठन की एक रैली से संबंधित पोस्टर में टीएमसी सांसद का नाम होना नजर आ रहा है. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अबू ताहिर खान का नाम मुर्शिदाबाद में हो रही एक रैली के आयोजन में आ रहा है. 

सांसद ने कहा, मेरा कोई संबंध नहीं
पीएफआई की ओर से कहा गया है कि वह पं. बंगाल के मुर्शिदाबाद में नागरिकता कानून के खिलाफ एक रैली का आयोजन कर रहे हैं. उनका कहना है कि सांसद अबू ताहिर खान भी इस प्रदर्शन का हिस्सा होंगे. वहीं, इस पोस्टर और रैली में हिस्सा लेने की बात से इनकार करते हुए अबू ताहिर खान ने कहा, 'मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. अगर उन लोगों ने पोस्टर में मेरा नाम लिखा है तो मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता हूं. अबू ताहिर खान मुर्शिदाबाद से टीएमसी के सांसद हैं.

यह है पीएफआई?
पीएफआई खुद को एक गैर सरकारी संगठन बताता है. इस संगठन पर कई गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है. गृह मंत्रालय का कहना है कि इस संगठन के लोगों के संबंध जिहादी आतंकियों से हैं, साथ ही इस पर इस्लामिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने का आरोप है. पीएफआई ने खुद पर लगे इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और एनआईए की जांच को षड्यंत्र का हिस्सा बताया है.

पीएफआई के खिलाफ ये आरोप
गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पीएफआई के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत हैं. इसमें एनआईए की वह जांच रिपोर्ट भी है, जिसमें इस संगठन पर 6 आतंकी घटनाओं में शामिल रहने का आरोप लगाया है. इसके अलावा राज्यों की पुलिस की रिपोर्ट भी एनआईए के पास है, जिसमें इस संगठन पर धार्मिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने, आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने और जबरन धर्मांतरण का आरोप भी लगा है.

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