नवनीत राणा और उनके पति को कोर्ट से नहीं मिली राहत, 29 अप्रैल को जमानत पर सुनवाई

राणा दंपत्ति को मुंबई की सेशंस कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है. 29 अप्रैल तक मुंबई पुलिस को जवाब दाखिल करना है. पुलिस के जवाब के बाद जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 26, 2022, 12:23 PM IST
  • राणा दंपत्ति को नहीं मिली राहत
  • 29 अप्रैल को होगी मामले की सुनवाई
नवनीत राणा और उनके पति को कोर्ट से नहीं मिली राहत, 29 अप्रैल को जमानत पर सुनवाई

नई दिल्ली: नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को सेशंस कोर्ट से राहत नहीं मिली है. 29 अप्रैल को नवनीत और रवि राणा की जमानत पर सुनवाई होगी. राणा दंपत्ति को अभी जेल में ही रहना होगा. अदालत ने 29 अप्रैल तक पुलिस को कोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. उसी दिन जमानत पर सुनवाई होगी.

पहले हाईकोर्ट और अब सेशंस कोर्ट से झटका

निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री पर हनुमान चालीसा पाठ की बात क्या कही, पूरे महाराष्ट्र में सियासी घमासान छिड़ गया. शिवसेना और उद्धव सरकार की नाराजगी ने नवनीत राणा और उनके पति को न सिर्फ सलाखों के पीछे पहुंचा दिया, बल्कि राजद्रोह का केस भी दर्ज करा दिया.

बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत की उम्मीद टूटने के बाद निगाहें आज सेंशस कोर्ट पर टिकी थीं, लेकिन राणा दंपत्ति को वहां से भी निराशा हाथ लगी. जहां पहली FIR को रद्द करने की मांग को लेकर नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई हुई.

राणा दंपत्ति के पास अब ये विकल्प बाकी

नवनीत के पीए ने दावा किया है कि अभी मिली जानकारी के मुताबिक नवनीत की तबीयत खराब है. नवनीत ने कई बार जेल अधिकारी को इस बारे में बताया भी लेकिन उसे नरजअंदाज कर दिया जा रहा है. वैसे राणा दंपति के वकील उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

नवनीत राणा और उनके पति पर राजद्रोह और धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप लगाए गए थे. इस मामले में दोनों 6 मई तक न्यायिक हिरासत में हैं.

वकील ने सोमवार को किया था ये दावा

सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राणा दंपत्ति के वकील ने बताया था कि दूसरी FIR में अभी राणा दंपति की गिरफ्तारी नहीं हुई है. पहले मामले में अगर उन्हें जमानत मिल जाती है, तो मुंबई पुलिस उन्हें दूसरे मामले में अरेस्ट कर लंबे समय तक जेल में रखने की प्लानिंग कर रही है. इस पर अदालत ने कहा कि दूसरे मामले में गिरफ्तारी से पहले पुलिस को उन्हें 72 घंटे पहले बताना होगा.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्यों खारिज कर दी याचिका?

कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि 'किसी के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ना किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है. राणा दंपत्ति की वजह से लॉ एंड आर्डर की समस्या पैदा हो गयी थी. पुलिस की इस बात में तथ्य है. याचिकाकर्ता (राणा दंपत्ति) एक जन प्रतिनिधि हैं इसलिए उनकी जवाबदारी भी बड़ी है. बड़ा पद बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है. यह सबको पता है. इसलिए ऐसे लोगों को कुछ भी जिम्मेदारी की भावना से बोलना चाहिए. इतनी अपेक्षा की जाती है.'

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हालांकि बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने जेल में नवनीत के साथ बुरे बर्ताव का आरोप लगाया. कानूनी मोर्चे पर लड़ाई के साथ नवनीत ने इस मुद्दे पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को भी चिट्ठी लिखी और अपनी गिरफ्तारी के तरीके को गलत बताया. लोकसभा स्पीकर को भेजी गई नवनीत राणा की शिकायत पर सचिवालय ने राज्य सरकार से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है, जो आज पेश हो सकती है.

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