गवर्नर पद में भी 'गवर्नमेंट' बनाने की रणनीति, BJP ने एक तीर से कैसे लगाए तीन निशाने?

New Governor List: भाजपा के 6 दिग्गज नेताओं को गवर्नर बनाया गया है. पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए ये नियुक्तियां की हैं. इनमें महाराष्ट्र और झारखंड के बड़े वोट बैंक को रिझाने की भी कोशिश हुई है. ये तो समय बता पाएगा कि ये कोशिश कितनी कामयाब हो पाती है.  

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Jul 29, 2024, 08:35 AM IST
  • RSS को संतुष्ट करने का प्रयास
  • वरिष्ठों को जिम्मेदारी दी गई
गवर्नर पद में भी 'गवर्नमेंट' बनाने की रणनीति, BJP ने एक तीर से कैसे लगाए तीन निशाने?

नई दिल्ली: New Governor List: देश के 6 राज्यों को नए राज्यपाल मिल चुके हैं. तीन राज्यपालों के तबादले हुए हैं. भाजपा ने कई नेताओं को सक्रिय राजनीति से छुट्टी देकर गवर्नर पद से नवाजा है, पार्टी ने एक तीर से तीन निशाने लगाए हैं. कई नेताओं की नियुक्ति साल के अंत में होने वाले तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए की गई है. इसके अलावा, कई राज्यों में विधानसभा की कुछ सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं. इनको मद्देनजर रखते हुए पार्टी ने ये बड़ा सियासी दांव चला है.

कौन-कौन बने हैं राज्यपाल? 
देश के 6 राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति हुई है. इनमें हरिभाऊ किसनराव बागड़े को राजस्थान, ओम प्रकाश माथुर को सिक्किम, जिष्णु देव वर्मा को तेलंगाना, संतोष कुमार गंगवार को झारखंड और सीएच विजयशंकर को मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया है.

इनका हुआ ट्रांसफर
असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया को पंजाब में नियुक्ति दी गई है. झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया है, तेलंगाना का अतिरिक्त प्रभार दिया है. सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को असम की जिम्मेदारी दी गई है, मणिपुर के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी मिला है.

एक तीर से कैसे साधे तीन निशाने?
1. विधानसभा चुनाव में फायदा: भाजपा ने ज्यादातर ऐसे नेताओं को राज्यपाल बनाया है, जिनकी जाति के वोट लोकसभा चुनाव में पार्टी से छिटक गए थे. मसलन, हरिभाऊ कृष्णाराव बागड़े महाराष्ट्र भाजपा के दिग्गज नेता हैं. मराठा समाज से आते हैं, जो लोकसभा चुनाव में महायुति गठबंधन के साथ नहीं गया. मराठा आरक्षण के आंदोलन से भी NDA को नुकसान हुआ. महाराष्ट्र में करीब 32% आबादी मराठी है. इसी तरह संतोष गंगवार कुर्मी जाती से आते हैं, उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया है. इस राज्य में कुर्मी 16% आबादी कुर्मी समाज की है. हालांकि, इनका दावा 25% होने का है. प्रदेश की 30 से अधिक विधानसभा सीटों पर कुर्मी वोटर्स प्रभावी हैं.

2. वरिष्ठों को सेट किया': भाजपा ने ऐसे नेताओं को फ़िलहाल के लिए सेट कर दिया है, जो वरिष्ठ हो चुके थे. ओम प्रकाश माथुर लंबे समय तक राजस्थान के मुख्यमंत्री की दौड़ में रहे. वे प्रधानमंत्री मोदी के करीबी माने जाते हैं. BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए भी उनका नाम चल रहा था. अब सिक्किम के राज्यपाल बनाए गए हैं. संतोष गंगवार 8 बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. वाजपेयी और मोदी सरकार में मंत्री रहे हैं. जिष्णु देव वर्मा त्रिपुरा के डिप्टी CM भी रह चुके हैं. रामजन्मभूमि आंदोलन से ही वे भाजपा से जुड़े हुए हैं.

RSS को संतुष्ट किया: लोकसभा चुनाव के बाद से ही RSS और भाजपा में खटपट की खबरें आ रही थीं. लेकिन अपनी इन नियुक्तियों में भाजपा ने RSS का विशेष ख्याल रखा है. सिक्किम के राज्यपाल बनाए गए ओमप्रकाश माथुर RSS बैकग्राउंड से हैं. वे RSS के प्रचारक रहे हैं. इसी तरह हरिभाऊ कृष्णाराव बागड़े 13 साल के थे, तब से RSS से जुड़े हुए हैं. 

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