कोई भी टिप्पणी खून के धब्बे को ढक नहीं सकती, यूएन में जयशंकर ने चीन और पाक को धोया

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित किया. जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में घोषित आतंकवादियों का बचाव करने वाले देश न तो अपने हितों और न ही अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रख रहे हैं. कभी-कभी घोषित आतंकवादियों का बचाव करने की हद तक यूएनएससी 1267 प्रतिबंध व्यवस्था का जो राजनीतिकरण करते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 25, 2022, 08:44 AM IST
  • यूएनएससी में सुधार प्रक्रिया पर भी बोले विदेश मंत्री जयशंकर
  • सदस्य ‘‘हमेशा के लिए इस प्रक्रिया को रोक कर’’ नहीं रख सकते
कोई भी टिप्पणी खून के धब्बे को ढक नहीं सकती, यूएन में जयशंकर ने चीन और पाक को धोया

संयुक्त राष्ट्र: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मसले पर चीन और पाकिस्तान पर शनिवार को परोक्ष निशाना साधा है. जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में घोषित आतंकवादियों का बचाव करने वाले देश न तो अपने हितों और न ही अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रख रहे हैं. 

जयशंकर ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित किया. जयशंकर ने कहा, कभी-कभी घोषित आतंकवादियों का बचाव करने की हद तक यूएनएससी 1267 प्रतिबंध व्यवस्था का जो राजनीतिकरण करते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा कर रहे हैं. कोई भी टिप्पणी चाहे किसी भी मंशा से क्यों न की गई हो, कभी भी खून के धब्बे नहीं ढक सकती. 

यूएनएससी में सुधार प्रक्रियागत अवरुद्ध नहीं होनी चाहिए : जयशंकर 
एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बेहद आवश्यक सुधारों पर बातचीत प्रक्रियागत हथकंडों से अवरुद्ध नहीं होनी चाहिए तथा इसका विरोध करने वाले सदस्य ‘‘हमेशा के लिए इस प्रक्रिया को रोक कर’’ नहीं रख सकते हैं. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च स्तरीय सत्र में कहा, ‘‘भारत बड़ी जिम्मेदारियां उठाने के लिए तैयार है लेकिन साथ ही वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि विश्व के एक हिस्से के साथ हुए अन्याय से निर्णायक रूप से निपटा जाए.’’ भारत अभी 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है और वह इस साल दिसंबर में अपना दो साल का कार्यकाल पूरा करेगा. 

यूक्रेन युद्ध पर साफ की भारत का रूख 
महीनों से जारी यूक्रेन संघर्ष के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कहा कि वह शांति का पक्षधर है और उस पक्ष में है, जो बातचीत और कूटनीति को एकमात्र रास्ता बताता है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएनजीए के उच्च स्तरीय सत्र में कहा, ‘‘यूक्रेन संघर्ष जारी है, हमसे अक्सर पूछा जाता है कि हम किसके पक्ष में हैं. और हर बार हमारा सीधा और ईमानदार जवाब होता है.’’ विदेश मंत्री ने कहा कि इस संघर्ष में भारत शांति के पक्ष में (खड़ा) है और मजबूती से रहेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम उस पक्ष में हैं जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर और उसके संस्थापक सिद्धांतों का सम्मान करता है. हम उस पक्ष में हैं जो बातचीत और कूटनीति को एकमात्र रास्ता बताता है.’’ 

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम उन लोगों के पक्ष में हैं, जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं...भोजन, ईंधन और उर्वरकों की बढ़ती लागत का सामना कर रहे हैं.’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘दुनिया पहले से ही महामारी के बाद आर्थिक सुधार की चुनौतियों से जूझ रही है. विकासशील (देशों) की कर्ज की स्थिति अनिश्चित है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसमें अब बढ़ती लागत और ईंधन, खाद्य और उर्वरकों की घटती उपलब्धता भी जुड़ गई है. 

यह भी पढ़िए: अशोक गहलोत क्या सचिन पायलट को सौपेंगे सत्ता की चाभी? कांग्रेस ने आज बुलाई राजस्थान विधायक दल की बैठक

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़